महाराष्ट्र के मंदिर विवाद में अशोक गहलोत का ट्वीट-संज्ञान में ले PM "राज्यपाल की टिप्पणी गलत"
गहलोत ने लिखा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लेकर जो टिप्पणी की है, वह बिल्कुल ठीक नहीं है
महाराष्ट्र में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच धार्मिक स्थल को लेकर हुए चिट्ठी विवाद में अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की एंट्री हुई है. अशोक गहलोत ने इस मसले पर बुधवार को ट्वीट किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले को संज्ञान में लेने की अपील की है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में सभी पूजा स्थलों को खोलने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन हमारे सभी धर्म गुरुओं (धार्मिक नेताओं और पुजारियों) ने समझदारी से काम लिया और अब तक कोई भी पूजा स्थल नहीं खोलने का फैसला किया. अशोक गहलोत ने लिखा कि दूसरी ओर महाराष्ट्र के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लेकर जो टिप्पणी की है, वह बिल्कुल ठीक नहीं है. लोकतंत्र में इस तरह के बयान स्वीकार नहीं हैं. एक मुख्यमंत्री को इस तरह की चिट्ठी लिखकर राज्यपाल ने एक सरकारी पद की गरिमा को गिराया है,
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में कोरोना लॉकडाउन के कारण बंद पड़े मंदिरों को फिर से खोलने की मांग बीजेपी ने सिद्धिविनायक मंदिर के बाहर विरोध किया था. इस दौरान उन्होंने उद्धव सरकार से राज्य के सभी मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोलने की मांग की. वहीं राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा है, जिसपर विवाद हो गया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पत्र के जवाब में राज्यपाल को लिखा था कि उन्हें किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं हैं, राज्य में कोरोना के केस को ध्यान में रखते हुए ही सरकार फैसला कर रही है. इस मसले को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी राज्यपाल के बयान की निंदा की थी और प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी थी. राज्य में धार्मिक स्थल खुलवाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने भी मुंबई, पुणे, शिरडी समेत कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया था.