Bengaluru टेक समिट में बोले पीएम मोदी, डिजिटल इंडिया लोगों की जीवनशैली बना
पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार का ‘डिजिटल इंडिया' कार्यक्रम आज लोगों की जीवनशैली बन गया है
अखरोट खाने से दूर रहते हैं दिल के ये रोग, लेकिन एक दिन में कितने अखरोट खाना फायदेमंद है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेंगलुरु टेक समिट में कहा कि केंद्र सरकार का ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम आज लोगों की जीवनशैली बन गया है, खासकर उन लोगों की जो गरीब हैं, हाशिए पर हैं और जो सरकार में हैं. आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बेंगलुरु प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन का शुभारंभ किया. इस खास कार्यक्रम में नई तकनीक के साथ महामारी के बाद आने वाली प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा होगी.‘डिजिटल इंडिया' जिसका इस्तेमाल लोगों के जीवन में बहुत बदलाव लेकर आया है और इसके जरिए लोगों की गरिमा में वृद्धि हुई है.
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का मॉडल ‘प्रौद्योगिकी पहले' है जिसका इस्तेमाल लोगों के जीवन में बहुत बदलाव लेकर आया है और इसके जरिए लोगों की गरिमा में वृद्धि हुई है. मोदी ने कहा, “पांच साल पहले हमने डिजिटल इंडिया की शुरुआत की थी. मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इसे सरकार की किसी सामान्य पहल की तरह नहीं देखा जा रहा है. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि डिजिटल इंडिया की वजह से आज देश में मानव केंद्रित विकास हो रहा है. इतने बड़े स्तर पर इसके इस्तेमाल ने नागरिकों के जीवन में कई बदलाव किए हैं और इससे मिल रहे फायदे से हर कोई वाकिफ है.”
उन्होंने कहा कि भारत ने सूचना के इस युग में विलक्षण ढंग से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारे पास सर्वश्रेष्ठ दिमाग के साथ बड़ा बाजार भी है. हमारे प्रौद्योगिकी जगत के पास वैश्विक होने की क्षमता भी है. अब समय है कि भारत के प्रौद्योगिकी समाधानों को विश्व में ले जाएं.’’ ‘बेंगलुरु टैक समिट’ (Bengaluru Summit) में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, स्विस कॉन्फेडरेशन के उपाध्यक्ष गाई पारमेलिन और कई अन्य गणमान्य हस्तियां ने भाग लिया। इनके अलावा, इस कार्यक्रम में भारत तथा पूरे विश्व के अग्रणी विचारक, उद्योग जगत के अग्रिम पंक्ति के नायक, तकनीकी विशेषज्ञ, अनुसंधानकर्ता, नवोन्मेषक, निवेशक, नीति निर्माता तथा शिक्षा क्षेत्र की महत्वपूर्ण हस्तियां भी मौजूद रहे।
तीन दिनों के इस सम्मेलन का आयोजन कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी सोसाइटी (केआईटीएस), कर्नाटक सरकार के इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी संबंधी विजन ग्रुप, बायोटेक्नोलॉजी एंड स्टार्टअप, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) और एम.एम. एक्टिव साइंस टैक कम्युनिकेशन्स के सहयोग से किया है.