जी-20 में बोले पीएम मोदी, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कोरोना वायरस सबसे बड़ी चुनौती
जी 20 सम्मेलन में कहा कि कोविड-19 महामारी दुनिया के सामने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी चुनौती और मानवता के इतिहास में महत्वपूर्ण मोड़ है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 के वर्चुअल सम्मेलन में शिरकत की। इस सम्मेलन का विषय सभी के लिए 21वीं सदी के अवसरों का अहसास है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जी 20 सम्मेलन में कहा कि कोविड-19 महामारी दुनिया के सामने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी चुनौती और मानवता के इतिहास में महत्वपूर्ण मोड़ है. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि जी-20 (G-20 conference) के नेताओं से बहुत रचनात्मक वार्ता हुई। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समन्वित प्रयास निश्चित रूप से इस महामारी से तेजी से निपटने की अगुवाई करेंगे। डिजिटल सम्मेलन के आयोजन के लिए सऊदी अरब का आभार। मोदी ने यह भी कहा कि कोविड के बाद की दुनिया में ‘कहीं से भी काम करना’ एक नई सामान्य स्थिति है और जी20 का एक डिजिटल सचिवालय बनाए जाने का सुझाव भी दिया।
पीएम मोदी ने कोरोना वायरस के बाद की दुनिया के लिए एक नए वैश्विक सूचकांक के विकास का सुझाव दिया जिसमें चार महत्वपूर्ण तत्व- प्रतिभाओं का बड़ा समूह तैयार करना, समाज के हर वर्ग तक प्रौद्योगिकी की पहुंच सुनिश्चित करना, शासन प्रणाली में पारदर्शिता लाना और पृथ्वी को संरक्षण की भावना से देखना- शामिल हों। उन्होंने कहा कि इस आधार पर जी20 एक नई दुनिया की नींव रख सकता है।
जी-20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि पिछले कुछ दशकों में जहां पूंजी और वित्त पर जोर रहा है, वहीं अब समय आ गया है कि मानव प्रतिभाओं का बड़ा पूल तैयार करने के लिए बहु-कौशल तथा पुनः कौशल पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि इससे न केवल नागरिकों का सम्मान बढ़ेगा बल्कि नागरिक संकटों का सामना करने के लिहाज से और सक्षम बनेंगे।