PM मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में कहा कृषि क्षेत्र आत्मनिर्भर भारत का आधार है, अपने कार्यक्रम में किसानों की जिक्र किया

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है, जो जमीन से जितना जुड़ा होता है, वो बड़े से बड़े तूफानों में भी अडिग रहता है

PM मोदी ने  'मन की बात'  कार्यक्रम  में कहा कृषि क्षेत्र आत्मनिर्भर भारत का आधार है,  अपने कार्यक्रम में किसानों की जिक्र किया

प्रधानमंत्री मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम की यह 69वीं कड़ी है। इससे पहले पीएम ने 30 अगस्त को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया था, जिसमें किसानों, वोकल फॉर लोकल और भारत में निर्मित खिलौनो पर चर्चा की गई थी। इस कार्यक्रम में उन्होंने  ने अपने कार्यक्रम में किसानों की जिक्र किया और उनका किस्सा सुनाया. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है, जो जमीन से जितना जुड़ा होता है, वो बड़े से बड़े तूफानों में भी अडिग रहता है


कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है. उन्होंने कहा, "संकट के इस काल में भी हमारे देश के कृषि क्षेत्र ने फिर अपना दमख़म दिखाया है. देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गाँव, आत्मनिर्भर भारत का आधार है. ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी."बीते कुछ समय में इन क्षेत्रों ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है, मोदी ने हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ सफल किसानों तथा किसान समूहों का जिक्र करते हुए कहा कि बीते कुछ समय में कृषि क्षेत्र ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है और अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है।  उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में फल और सब्जियों को जब एपीएमसी कानून से बाहर कर दिया गया, तो इसका उन्हें और अन्य किसानों को फायदा हुआ।


पीएम मोदी ने कहा कि आज, गांव के किसान स्वीटकॉर्न  और बेबी कॉर्न की खेती से, ढ़ाई से तीन लाख प्रति एकड़ सालाना कमाई कर रहे हैं. पुणे और मुंबई में किसान साप्ताहिक बाज़ार खुद चला रहे हैं. इन बाज़ारों में, लगभग 70 गाँवों के, साढ़े चार हज़ार किसानों का उत्पाद, सीधे बेचा जाता है - कोई बिचौलिया नहीं." वही पीएम मोदी ने लखनऊ के एक समूह की चर्चा करते हुए कहा, 'लखनऊ में किसानों का समूह है। उन्होंने नाम रखा है 'इरादा फार्मर प्रोड्यूसर' इन्होंने भी लॉकडाउन के दौरान किसानों के खेतों से सीधे फल और सब्जियां ली और सीधे जा करके लखनऊ के बाजारों में बेची। बिचौलियों से मुक्ति हो गई और मन चाहे उतने दाम उन्होंने प्राप्त किए।'

वही उन्होंने कहा, "चार साल पहले, लगभग यही समय था, जब, surgical strike के दौरान दुनिया ने हमारे जवानों के साहस, शौर्य और निर्भीकता को देखा था. हमारे बहादुर सैनिकों का एक ही मकसद और एक ही लक्ष्य था, हर कीमत पर, भारत माँ के गौरव और सम्मान की रक्षा करना.