अन्नदाता के बहाने अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहा विपक्ष: सिद्धार्थनाथ सिंह

यूपी के कैबिनेट मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि विपक्ष किसानों को बरगला रहा है। किसानों के बहाने वह अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहा है।

अन्नदाता के बहाने अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहा विपक्ष: सिद्धार्थनाथ सिंह

कृषि बिल के विरोध में किसान आंदोलन लगातार जारी है। इस पर यूपी के कैबिनेट मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि विपक्ष किसानों को बरगला रहा है। किसानों के बहाने वह अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहा है। राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा और अपने जारी बयान में कहा कि विपक्षी दल किसानों को बरगलाकर अपने हितों को साधने में लगा है।

कहा कि आज जो लोग किसानों के हमदर्द बन रहे हैं। वही आजादी के बाद से वर्ष 2014 तक उसकी बबार्दी की वजह भी थे। 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार किसानों के अधिकतम हित को केंद्र मानकर योजनाएं बनीं। दशकों से लंबित परियोजनाओं को प्रधामंत्री सिंचाई योजना में शामिल कर उनको पूरा कराया गया। कई योजनाएं पूरा होने के कगार पर हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस स्वामीनाथन आयोग की जिस रिपोर्ट पर वर्षो से कुंडली मारे बैठी थी, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही लागू किया। अब किसानों को उनकी फसल के लागत का डेढ़ गुना मूल्य मिल रहा है। खाद-बीज जैसे बुनियादी कृषि निवेशों के लिए पहले किसानों पर लाठियां चलती थीं। अब ऐसी खबरों को लोग भूल चुके हैं।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसानों की आय दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस बाबत काम भी चल रहे हैं। किसान अब पहले से अधिक खुशहाल हैं। किसानों को बदहाल बनाकर उसे वोट बैंक के रूप में रखने वाले विपक्ष को किसानों की यह खुशहाली रास नहीं आ रही है। लिहाजा वह किसानों को बरगलाने में लगा है। पर उसकी दाल गलने से रही।

मंत्री ने कहा कि हाल में आए आम बजट में भी गांव और किसानों का खास खयाल रखा गया है। ग्रामीण क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्च र फंड बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है। 1000 नई और आधुनिक मंडियों की व्यवस्था की जा रही है। इसका फायदा किसानों को मिलेगा। वह आत्मनिर्भर बनेंगे। खेती फायदे का सौदा होगी। प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना से गांव में लोगों के पास अपनी जमीन-मकान के कागज होंगे। कोई उनपर कब्जा नहीं कर सकेगा। इसके आधार पर उनको आसानी से कर्ज भी मिल जाएगा।

उन्होंने कहा कि चौरीचौरा शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री भी कह चुके हैं कि पहले की सरकारें किसानों को वोट बैंक का बही खाता समझती थीं। किसानों के हित में सिर्फ घोषणाएं होती थीं, अमल नहीं। अब जब योजनाओं पर अमल हो रहा है। हालात बदल रहे हैं। यह बदलाव दिख रहा है तो विपक्ष की पीड़ा स्वाभाविक है। उन्होंने किसान भाइयों से अपील की कि किसी के बहकावे में आने की बजाय यह देखें कि कौन उनका हितैषी है और कौन अपने लाभ के लिए उनका प्रयोग कर रहा है।