सिंधिया के गढ मे दूसरी बार विरोध, अपने ही गढ़ चंबल में विरोध का सामना करना पड़ रहा
ग्वालियर-चंबल इलाके में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ सभा को संबोधित करने पहुंचे। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को उस समय विरोध का सामना करना पड़ा।
मध्य प्रदेश में उपचुनाव की तैयारियों को लेकर बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने कमर कस ली है। वहीं कांग्रेस छोड़ बीजेपी में गए राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को लगातार अपने ही ग्वालियर-चंबल में आए दिन विरोध का सामना करना पड़ रहा है। सिंधिया को कभी काले झंडे दिखाए जा रहे हैं तो कभी जमकर नारेबाजी का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि ग्वालियर-चंबल इलाके में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ सभा को संबोधित करने पहुंचे। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को उस समय विरोध का सामना करना पड़ा। जब भीड़ के एक समूह ने उनके भाषण के दौरान हंगामा शुरू कर दिया। हालात ये हो गए कि सिंधिया के लगातार कहने के बाद भी वे लोग नहीं माने और लगातार नारेबाजी करते रहे जिसके चलते सिंधिया को बीच में भाषण खत्म करना पड़ा।
मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा जो लोगों को लगातार शांत करवाता रहा लेकिन वे टस से मस ना हुए। इसके बाद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपना भाषण शूरू किया तो इस दौरान सिंधिया भीड़ के बीच में गए जहां पर एक बार फिर उनके खिलाफ नारेबाजी होने लगी और मुर्दाबाद के नारे भी लगे। पुलिस बल लगातार सिंधिया को घेरे में लेकर सुरक्षा देता रहा लेकिन लोगों से बातचीत करने के बाद सिंधिया एक बार फिर मंच पर आए और उन्होंने कहा कि आप के विषय मे मैं मुख्यमंत्री से चर्चा करूंगा।
आपको बता दें कि सिंधिया के बीजेपी मे शामिल होने का बाद एमपी बीजेपी अंदरूनी कलह से भी जूझ रही है। उपचुनाव में करीब एक दर्जन सीटों पर बीजेपी को भीतरघात का डर है…ग्वालियर-चंबल के कई नेता अभी भी नाराज चल रहे हैं। इसके बीच पुराने नेताओं में नाराजगी है। दिल्ली से लेकर प्रदेश स्तर तक के नेता लगातार क्षेत्रीय और पुराने नेताओं को मनाने की कोशिश में जुटे हैं।
दिल्ली हाईकमान ने सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को रूठे लोगों को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। जिसके चलते उपचुनाव को लेकर शिवराज, सिंधिया और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की मैदान में एक्टिव हो गए हैं लेकिन सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को अपने ही क्षेत्र में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सिधिया के ऊपर अपने ही क्षेत्र में सियासी कद पर सवाल उठ रहे हैं। बहरहाल उपचुनाव से पहले बीजेपी नाराज और पुराने नेताओं को मनाने में लगी हुई है वही दूसरी ओर कमलनाथ उपचुनाव के माध्यम से बागी हुए उनके साधियों को सबक सिखाकर वापस सत्ता की कुर्सी पर बैठना चाहते है।