किसान आंदोलन का 34वां दिन, टिकैट बोले- अगर विपक्षी दल इतने ताकतवर रहे होते तो किसान सड़क पर क्यों उतरते

भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत का कहना है कि अगर विपक्षी दल इतने मजबूत रहे होते तो किसानों को इस मुद्दे पर आंदोलन की जरूरत ही नहीं पड़ती।

किसान आंदोलन का 34वां दिन, टिकैट बोले- अगर विपक्षी दल इतने ताकतवर रहे होते तो किसान सड़क पर क्यों उतरते

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन का आज 34वां दिन है. कल यानी सोमवार को यह तय हुआ है कि सरकार और किसानों के बीच बातचीत 30 दिसंबर को होगी. इसके लिए किसान और सरकार दोनों ही पक्ष मान गए हैं । लेकिन उससे पहले जिस तरह के रूख सामने आ रहे हैं वो बेहतरीन अंजाम की तरफ जाता दिख नहीं रहा। इन सबके बीच किसान संगठनों के आंदोलन पर अलग-अलग तरह की टिप्पणियां भी की जा रही है, जैसे इस आंदोलन को कुछ राजनीतिक दल बरगला रहे है। किसानों के आंदोलन को कुछ विपक्षी दलों की शह है। लेकिन भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत का कहना है कि अगर विपक्षी दल इतने मजबूत रहे होते तो किसानों को इस मुद्दे पर आंदोलन की जरूरत ही नहीं पड़ती।

राकेश टिकैत से जब पूछा गया कि जब पीएम नरेंद्र मोदी के साथ साथ उनके कई कद्दावर मंत्री एमएसपी और मंडी समिति के बारे में भरोसा दे रहे हैं उसके बाद भी आप लोग आंदोलन कर रहे हैं। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर आप पिछले रिकॉर्ड को देखें तो भरोसा करने की कोई वजह नजर नहीं आती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सरकार कानून में संशोधन करने के लिए तैयार है तो कानून को वापस लेने में क्या दिक्कत है। दरअसल यही वो प्वाइंट है जिसका वजह से सरकारी वादों पर भरोसा नहीं होता है।


किसान संगठनों ने सितंबर में लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए तौर तरीके सहित एजेंडे पर बातचीत के लिए पिछले हफ्ते एक प्रस्ताव दिया था, जिसके बाद सरकार ने उन्हें आमंत्रित किया है.