कांग्रेस में अब विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी के बयान से सियासत गरमा गयी कहा- निर्वाचित लोग ही पार्टियां चलाएं

डॉ सीपी जोशी के एक बयान से सियासी गलियारे में नई चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. दरअसल जोशी ने पार्टी अध्यक्ष से लेकर पदाधिकारियों के चुनाव करवाने की वकालत की है.

कांग्रेस में अब विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी के बयान से सियासत गरमा गयी कहा- निर्वाचित लोग ही पार्टियां चलाएं

 राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी (Dr. CP Joshi) अक्सर अपने बेबाक बयानों के चलते सूर्खियों में रहते हैं. लिहाजा एक बार फिर से डॉ सीपी जोशी के एक बयान से सियासी गलियारे में नई चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. दरअसल जोशी ने पार्टी अध्यक्ष से लेकर पदाधिकारियों के चुनाव करवाने की वकालत की है. गुजरात में हाल ही में हुए पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में राजस्थान के स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने दल बदल कानून के लेकर दसवीं अनुसूची को खत्म करने की वकालत की है. साथ ही कोर्ट के बढ़ते दखल और राज्यपालों की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठाए. जोशी ने कहा कि दल बदल कानून की 10वीं अनुसूची को ही खत्म कर देना चाहिए और सीधा यह प्रावधान हो कि जो विधायक पार्टी व्हिप का उल्लंघन करे और पार्टी के खिलाफ जाए तो उसे अयोग्य घोषित करने का प्रावधान होना चाहिए. तभी कोर्ट का हस्तक्षेप रुकेगा. जोशी ने कहा कि जबसे दल बदल कानून बना है तब से अध्यक्ष की गरिमा कम हुई है. तभी से ही कोर्ट का हस्तक्षेप बढ़ गया है. लेकिन उन्होंने निर्वाचित लोगों द्वारा पार्टी चलाने का सुझाव देकर कम से कम कांग्रेस के भीतर चल रही बड़े नेताओं की मुहिम का अनजाने में ही सही समर्थन जरूर कर दिया है.

डॉ सीपी जोशी ने पार्टियों में अध्यक्ष और पदाधिकारियों के चुनाव का सुझाव दिया है. जोशी ने कहा कि निर्वाचित लोग पार्टियां चलाएं. चुनाव आयोग की यह जिम्मेदारी है कि वह देखे कि पार्टियों में लोकतांत्रिक तरीकों और प्रक्रियाओं की पालना हो रही है या नहीं. जो पार्टियां चुनाव नहीं करवाती चुनाव आयोग उनकी मान्यता खत्म करे. जोशी ने कहा कि अब तो दल बदल का भी तोड़ निकाल लिया गया है. दो तिहाई की बजाय सीधे इस्तीफे दिलवा दो. इस मामले में प्रदेश बीजेपी का कहना है कि इस पर समग्र दृष्टि से विचार करने की आवश्यकता है. सीपी जोशी के इस बयान को कांग्रेस की अंदरुनी सियासत से जोड़कर भी देखा जा रहा है. कांग्रेस के कई नेताओं ने हाल ही कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष के चुनाव की मांग उठाई थी. हालांकि सीपी जोशी ने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया .

 
बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि दल बदल विधायक अटल बिहारी वाजपेयी के समय आया था. इस कानून में कई तरह की कमियों के मामले सामने आए हैं. चतुर्वेदी ने कहा कि इस मामले में पर पूरा मंथन होना चाहिए. इस कानून में कोई परिवर्तन किया जाना है तो उस पर मंथन किया जाना चाहिए. चतुर्वेदी ने पिछले दिनों राजस्थान में हुए पॉलीटिकल क्राइसिस को लेकर कहा कि विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने उस समय बयान दिया था कि उच्च न्यायालय ने विधानसभा के अध्यक्ष को आदेश देने का काम किया है. चतुर्वेदी ने कहा कि वह एक आदेश नहीं था केवल सुझाव था.