PM Modi Birthday : रचा गया वैक्सीनेशन रिकार्ड, एक दिन में लगी ढाई करोड़ से अधिक वैक्सीन
इसके पहले 31 अगस्त को 1.41 करोड़ डोज लगाने का रिकार्ड बना था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जन्मतिथि के अवसर पर एक दिन में 2.5 करोड़ से अधिक डोज लगाकर भारत ने कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण का अपना ही विश्व रिकार्ड तोड़ दिया। इसके पहले 31 अगस्त को 1.41 करोड़ डोज लगाने का रिकार्ड बना था। शुक्रवार के कोरोना रोधी टीकाकरण के बाद भारत सभी यूरोपीय देशों को मिलाकर लगाए गए डोज से अधिक टीके लगाने वाला देश बन गया है। भारत की इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री मोदी और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने स्वास्थ्य कर्मियों को बधाई दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'आज की रिकार्ड टीकाकरण संख्या पर हर भारतीय को गर्व होगा। मैं डाक्टरों, इनोवेटर्स, प्रशासकों, नर्सों, स्वास्थ्यकर्मी और सभी फ्रंटलाइन वर्करों की सराहना करता हूं, जिन्होंने टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है। आइए हम कोरोना को हराने के लिए टीकाकरण को बढ़ावा देते रहें।'
दो करोड़ डोज का आंकड़ा पार करने के बाद मांडविया ने ट्वीट में कहा, 'हमने अब कर दिखाया है, धन्यवाद हेल्थ वर्कर्स।' वहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस उपलब्धि को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में न्यू इंडिया का प्रतीक बताया। प्रधानमंत्री की तिथि के दिन बड़े पैमाने पर टीकाकरण के लिए केंद्र और राजग सरकार के साथ साथ भाजपा ने पूरी तैयारी की थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों की इन तैयारियों के हिसाब से वैक्सीन की सप्लाई सुनिश्चित की थी। शुक्रवार की सुबह तक राज्यों के पास 6.17 करोड़ डोज स्टाक में थे।
इसी का परिणाम था कि शाम तक कर्नाटक और बिहार 25 लाख से अधिक तो उत्तर प्रदेश 23 लाख से अधिक और मध्य प्रदेश 22 लाख से अधिक डोज लगाने में सफल रहे। इस रिकार्ड उपलब्धि के साथ ही भारत में अब तक कुल 79.64 करोड़ डोज लगाई जा चुकी हैं, जो विभिन्न महाद्वीपों में लगाए गए टीके से भी अधिक हैं। यूरोप के सभी देशों में कुल 77.7 करोड़ डोज लगाई गई हैं। वहीं अमेरिका समेत पूरे उत्तरी अमेरिकी देशों में 59.3 करोड़ डोज, दक्षिण अमेरिकी देशों में 40.3 करोड़ और अफ्रीकी देशों में 12.9 करोड़ डोज ही अब तक लगाई जा सकी हैं। वैसे चीन ने गुरुवार को 100 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लगा देने का दावा किया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन के दावे को प्रमाणिक नहीं माना जाता है।