कश्मीर में महबूबा की पीडीपी को लगा जोर का झटका, 3 सीनियर नेताओं ने कहा अलविदा
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी को बड़ा झटका लगा है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को उसके तीन नेताओं ने एक साथ अलविदा कह दिया है।
जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ समय से गुपकार गठबंधन को लेकर काफी सियासी हलचल है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी को बड़ा झटका लगा है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को उसके तीन नेताओं ने एक साथ अलविदा कह दिया है। पीडीपी से इस्तीफा देने वाले तीनों नेता धमन भसीन, फेलैल सिंह और प्रीतम कोतवाल वर्ष 1998 में स्थापित पीडीपी के संस्थापक नेता थे। यह पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती के लिए बड़ा धक्का इसलिए भी है, क्योंकि हाल में पार्टी के तीन और बड़े नेता पार्टी को अलविदा कह चुके हैं।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक धमन भसीन, फेलैल सिंह और प्रीतम कोतवाल ने पार्टी से इस्तीफा देते वक्त एक पत्र भी लिखा, इस पत्र में संयुक्त रूप से कहा गया है- हमने अपना राजनीतिक भविष्य दांव पर लगाते हुए पीडीपी की स्थापना के पहले दिन भ्रष्ट और वंशवादी नेशनल कॉन्फ्रेंस का अल्टरनेटिव सेक्युलर विकल्प देने के उद्देश्य से पार्टी ज्वाइन किया। दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद का भी यह विजन था। मगर मुफ्ती साहब के एजेंडे को त्याग दिया गया और पीडीपी नेशनल कॉन्फ्रेंस की बी टीम बन गई है। रहस्यमयी, सांप्रदायिक तत्वों ने पार्टी को हाइजैक कर लिया है. ऐसे में हमारे पास पार्टी को छोड़ने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है.
इससे पहले, पूर्व राज्यसभा सदस्य टीएस बाजवा समेत पीडीपी के तीन संस्थापक सदस्यों ने पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के अवांछनीय बयानों के कारण असहज और घुटन महसूस करते हुए पीडीपी से इस्तीफा दे दिया था। गत 15 नवंबर को पीडीपी के संस्थापक सदस्यों में शुमार मुजफ्फर हुसैन बेग ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी सूत्रों ने कहा कि बेग ने पीडीपी संरक्षक महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को पार्टी छोड़ने के फैसले के बारे में बता दिया है. वह 1998 में पीडीपी की स्थापना के वक्त से पार्टी से जुड़े हुए थे.