Mann Ki Baat: मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने किसानों पर नहीं बल्कि इसपर की मन की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात के जरिये साल का आखिरी सम्बोधन दिया. पहले माना जा रहा था कि मन की बात (ManKiBaat) कार्यक्रम में पीएम मोदी किसानों से डी समजुस्याओं पर बात करेंगे. लेकिन.....
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि चार दिन बाद नया साल शुरू होने वाला है. आज की मन की बात इस साल की आखिरी चर्चा है. अगले साल अगली मन की बात होगी. उन्होने कहा कि देश में नया सामर्थ्य पैदा हुआ है. इस नई सामर्थ्य का नाम आत्मनिर्भरता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात के जरिये साल का आखिरी सम्बोधन दिया. पहले माना जा रहा था कि मन की बात (ManKiBaat) कार्यक्रम में पीएम मोदी किसानों से डी समजुस्याओं पर बात करेंगे. लेकिन उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा. उन्होंने कहा कि मुझे कई देशवासियों के पत्र मिले हैं. अधिकतर पत्रों में लोगों ने देश के सामर्थ्य, देशवासियों की सामूहिक शक्ति की भरपूर प्रशंसा की है. जब जनता कर्फ्यू जैसा अभिनव प्रयोग, पूरे विश्व के लिए प्रेरणा बना, जब ताली-थाली बजाकर देश ने हमारे कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया था, एकजुटता दिखाई थी उसे भी कई लोगों ने याद किया है.
पीएम मोदी ने कहा कि कि पिछले कुछ सालों में देश के अंदर शेरों की संख्या बढ़ी है. तेंदुओं की संख्या भी 60 फीसदी बढ़ी है. 2014 से 2018 के बीच भारत में तेंदुओं की संख्या 60 फीसदी बढ़ी. 2014 में, देश में तेदुओं की संख्या लगभग 7,900 थी, वहीं 2019 में इनकी संख्या बढ़कर 12,852 हो गयी. भारतीय वनक्षेत्र में भी बढ़ावा हुआ है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट की सोच के साथ काम करने का ये उचित समय है. मैं देश के मैन्युफैक्चरर्स और इंजस्ट्री से आग्रह करता हू. देश के लोगों ने मजबूत कदम उठाया है, मजबूत कदम आगे बढ़ाया है, वोकल फॉर लोकल.. ये आज घर-घर में गूंज रहा है. ऐसे में, अब यह सुनिश्चित करने का समय है, कि, हमारे उत्पाद विश्वस्तरीय हों।
पीएम मोदी ने कहा कि आज के ही दिन गुरु गोविंद जी के पुत्रों, साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था. अत्याचारी चाहते थे कि साहिबजादे अपनी आस्था छोड़ दें, महान गुरु परंपरा की सीख छोड़ दें. लेकिन, हमारे साहिबजादों ने इतनी कम उम्र में भी गजब का साहस दिखाया, इच्छाशक्ति दिखाई. दीवार में चुने जाते समय, पत्थर लगते रहे, दीवार ऊंची होती रही, मौत सामने मंडरा रही थी, लेकिन, फिर भी वो टस-से-मस नहीं हुए.
उन्होंने कहा कि हमें वोकल फॉर लोकल की भावना को बनाये रखना है, बचाए रखना है, और बढ़ाते ही रहना है. आप हर साल न्यू ईयर रेजोल्यूशन लेते हैं, इस बार एक रेजोल्यूशन अपने देश के लिए भी जरुर लेना है।