आरएलपी प्रमुख सांसद हनुमान बेनीवाल ने पीएम से की वसुंधरा और गहलोत के नार्को टेस्ट की मांग, लगाये ये गंभीर आरोप…..

भाजपा की बड़ी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर मुख्यमंत्री गहलोत के साथ गठजोड़ का आरोप लगाया है। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि गहलोत-वसुंधरा के गठजोड़ की सच्चाई जनहित में मजबूती से सामने आना आवश्यक है

आरएलपी प्रमुख सांसद हनुमान बेनीवाल ने पीएम से की वसुंधरा और गहलोत के नार्को टेस्ट की मांग, लगाये ये गंभीर आरोप…..

एनडीए गठबंधन में नागौर से सांसद और आरएलपी अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल एक बार फिर अपने बगावती बयानों से चर्चाओं में आ गए हैं। उन्होंने शुक्रवार को फिर से अपनी पार्टी आरएलपी के सहयोगी दल भाजपा की बड़ी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर मुख्यमंत्री गहलोत के साथ गठजोड़ का आरोप लगाया है। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि गहलोत-वसुंधरा के गठजोड़ की सच्चाई जनहित में मजबूती से सामने आना आवश्यक है इसलिए पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से इन दोनों के नार्को टेस्ट (Narco Test) की मांग करता हुँ.


बेनीवाल ने शुक्रवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर गहलोत और वसुंधरा राजे पर ताबड़तोड़ निशाना साधा. बेनीवाल ने आरोप लगाया कि दोनों ने एक- दूसरे के भ्रष्टाचार पर पर्दा डाला है और जनता इस गठजोड़ से पिछले 22 साल से त्रस्त है.गौरतलब है कि बेनीवाल किसान आंदोलन को लेकर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर पहले भी निशाना साधते रहे हैं। वे लगातार तीनों कृषि कानून बदलने की मांग कर रहे हैं। वहीं, पहले भी वसुंधरा राजे पर कई बार बयान दे चुके हैं।

गहलोत सरकार के दो साल पूर्ण होने पर बेनीवाल ने कहा कि 2 वर्षों से प्रदेश में अपराध चरम पर है, महिला अपराधों से राजस्थान को शर्मसार होना पड़ा उसके बावजुद वसुंधरा राजे का कोई बयान तक नही आया और कांग्रेस की तरफ से जब भी बीजेपी पर आरोप लगे तब राजे अक्सर चुप ही नजर आई,यह बातें राजे-गहलोत के गठजोड़ की कहानी को बयां करती है.

गहलोत व वसुंधरा राजे दोनों फौजमार कप्तान

बेनीवाल ने कहा कि अशोक गहलोत व वसुंधरा राजे दोनों फौजमार कप्तान हैं। इनके गठजोड़ व कारनामे से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि दोनों ने राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा का बंटाधार करने की सुपारी ले रखी है।

आरएलपी प्रमुख ने निशाना साधते हुए कहा कि हाल ही में राजस्थान में जब कोंग्रेस पार्टी की आपसी लड़ाई से सियासी संकट आया उसमें राजे ने भाजपा का पक्ष लेने की बजाय गहलोत सरकार को बचाने में पूरी मदद की व उनके सियासी सिपाही उस समय अक्सर गहलोत जी के आवास पर नजर आते थे. राजस्थान में खान घोटाले, माथुर आयोग बनाकर लीपापोती करना, एकल पट्टा प्रकरण, बजरी व परिवहन घोटाला, फन किंगडम स्कैम सहित ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें गहलोत-वसुंधरा ने एक दूसरे की मदद करके एक दूसरे को कानूनी कार्रवाई से बचाया। राजस्थान में विपक्षी दल का धर्म निभाने की बजाय राजे अक्सर गहलोत सरकार के कारनामो के विरुद्ध चुप रही और 2 वर्ष के कार्यकाल के बाद राजे के बयान आना महज औपचारिकता है क्योंकि आवश्कयता के समय राजे की खामोशी गहलोत वसुंधरा गठजोड़ की सच्चाई को बयां करती है.