MP Election: कमलनाथ का गेम प्लान, Scindia vs Pilot
मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाले ग्वालियर-चंबल इलाके में सचिन पायलट को चुनाव प्रचार के लिए उतारने का बनाया प्लान.
मध्य प्रदेश में उपचुनाव (By Election) से पहले सियासी भूचाल आया हुआ है। एक तरफ जहां महाराज सिंधिया को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। जिसका आए दिन सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है…वही दूसरी तरफ पूर्व सीएम कमलनाथ के ग्वालियर दौरे से पहले राजनीति गरमाई हुई है। दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया के गृहजिले में कमलनाथ ने सिंधिया की घेराबंदी के लिए बड़ा गेम प्लान किया है।
कांग्रेस ने अब तय किया है कि वह ग्वालियर-चंबल संभाग में पार्टी के पक्ष में प्रचार कराने के लिए राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को उतारेगी। सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच अच्छी दोस्ती मानी जाती है। जब पायलट ने राजस्थान में बगावती तेवर दिखाए थे तो सिंधिया ने उनके समर्थन में बयान भी दिया था। जिसके बाद ऐसी चर्चा भी शुरू हो गई थी क्या सिंधिया की तरह उनके दोस्त पायलट भी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं लेकिन इस सभी चर्चाओं पर खुद पायलट ने ही विराम लगा दिया। पायलट को सिंधिया के खिलाफ चुनाव प्रचार में उतारकर कांग्रेस एक कारगर गेम-प्लान के साथ मैदान में जाना चाहती है.
दरअसल मध्य प्रदेश में जिन 28 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव होने हैं, उनमें से अधिकतर सीटें ग्वालियर-चंबल इलाके की हैं, जिसे सिंधिया का प्रभाव क्षेत्र माना जाता है. इसी साल मार्च में जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ (Kamalnath) सरकार से अपना समर्थन वापस लिया और बीजेपी में शामिल हुए, उस समय सिंधिया समर्थक 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया था. इसके बाद प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की सरकार बनी. सिंधिया समर्थक ज्यादातर विधायक इन्हीं इलाकों से आते हैं. मध्य प्रदेश का यह इलाका राजस्थान से सटा हुआ भी है. ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि सचिन पायलट का चुनाव प्रचार करना यहां सिंधिया पर भारी पड़ सकता है
सचिन पायलट ने बीते दिनों मीडिया के साथ बातचीत में कहा था कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने उनसे उपचुनाव में प्रचार (Election Campaign) करने का आग्रह किया है. पायलट ने कहा कि वे पार्टी के लिए निश्चित रूप से यह काम करेंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का एक जिम्मेदार नेता होने के नाते यह उनका कर्तव्य है कि पार्टी को जब उनकी जरूरत हो, तो वह वहां मौजूद रहें.
मध्य प्रदेश में जिन 28 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से 16 सीटें ग्वालियर-चंबल इलाके की हैं. इनमें कई सीटें ऐसी हैं जहां गुर्जर मतदाताओं की संख्या अच्छी-खासी है. ऐसे में राजस्थान के दिग्गज गुर्जर नेता सचिन पायलट, कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं. पार्टी ने इसी सोच और उम्मीद के साथ सचिन पायलट को सिंधिया के प्रभाव वाले इलाकों में चुनाव प्रचार के लिए उतारने का प्लान बनाया है. यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव मैदान में दो जिगरी दोस्त एक-दूसरे के खिलाफ किस अंदाज में परस्पर विरोधी बयान देते हैं.
पायलट उपचुनाव (By Election) के लिए प्रचार में उतरेंगे या नहीं इस बात की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।