लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती बने भारतीय सेना के नए उप प्रमुख-1 फरवरी को संभालेंगे कमान,सीपी मोहंती सेना के 42वें उप प्रमुख होंगे
एक फरवरी से लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती आर्मी स्टाफ के वाइस चीफ होंगे. फिलहाल मोहंती साउथर्न आर्मी कमांडर हैं. लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती सेना के 42वें उप प्रमुख होंगे.
लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी के बाद आर्मी स्टाफ का अगला वाइस चीफ कौन होगा इसका ऐलान हो गया है. मिली जानकारी के मुताबिक, लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती (Lt General CP Mohanty) इस पद को संभालेंगे. एक फरवरी से लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती आर्मी स्टाफ के वाइस चीफ होंगे. फिलहाल मोहंती साउथर्न आर्मी कमांडर हैं. लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती सेना के 42वें उप प्रमुख होंगे.
लेफ्टिनेंट जनरल मोहंती को पाकिस्तान और चीन के साथ सीमाओं और असम में सक्रिय आतंकवाद रोधी अभियानों में अनुभव है. उन्होंने कांगो में एक बहुराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र ब्रिगेड का नेतृत्व भी किया है. पहली बार यह जानकारी कुछ दिनों पहले ही सामने आई थी. जब ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने उन्हें शुभकामनाएं भी दी थीं. बता दें कि मोहंती का जन्म ओडिशा में हुआ था. पटनायक ने इसका जिक्र करते हुए लिखा था कि ओडिशा में जन्मे चांडी प्रसाद मोहंती को सेना का अगला उप प्रमुख (New deputy chief of army) चुने जाने पर बधाई. ओडिशा के लिए यह गर्व का दिन. आप अपनी नई जिम्मेदारी को अच्छे से निभाएं यह आशा है. सीपी मोहंती का जन्म ओडिशा के जगतसिंहपुर के जयबाड़ा गांव में हुआ था.
Lt Gen CP Mohanty to take over as the next Vice Chief of Army Staff on February 1st. He is presently the Southern Army Commander and would be succeeding Lt Gen SK Saini on his superannuation. pic.twitter.com/8KctnlIWYb
— ANI (@ANI) January 27, 2021
भारतीय सेना में अगले उप प्रमुख का पदभार संभालने से पहले लेफ्टिनेंट जनरल चंडी प्रसाद मोहंती ने पिछले हफ्ते कहा था कि सेना बल का आधुनिकीकरण करने तथा चीन एवं पाकिस्तान की ओर से उत्पन्न होने वाले खतरों से एक साथ निबटने की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है. मोहंती ने कहा था कि दुनियाभर में युद्धक्षेत्र तेजी से बदल रहे हैं और आधुनिकीकरण सतत रूप से आवश्यक है.
मोहंती को 1982 में राजपूत रेजिमेंट में कमीशन किया गया था। लेफ्टिनेंट जनरल मोहंती ने जून-अगस्त 2017 में सिक्किम-भूटान-तिब्बत त्रिकोणीय जंक्शन के पास डोकलाम में चीन के साथ 73 दिनों के टकराव के तुरंत बाद पूर्वी क्षेत्र में महत्वपूर्ण 33 कोर की कमान संभाली थी। उन्हें पाकिस्तान और चीन के साथ सीमाओं और असम में सक्रिय आतंकवाद रोधी अभियानों में कार्य करने का अनुभव है। उन्होंने कांगो में एक बहुराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र ब्रिगेड का नेतृत्व भी किया है। दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बनने से पहले वह उत्तर भारत क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग के रूप में तैनात थे।