वसुंधरा के करीबी नेताओं की शाह और नड्डा को चिट्ठी, बेनीवाल के खिलाफ खोला मोर्चा
शाह और नड्डा को लिखे पत्र में कहा गया है कि बेनीवाल आज ही भाजपा से संबंध तोड़ ले भाजपा को उनकी कोई जरुरत नहीं है.
आरएलपी मुखिया और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ लगातार किए जा रहे जुबानी हमलों और बार-बार एनडीए से गठबंधन तोड़ने की धमकी पर अब वसुंधरा राजे गुट के बीजेपी नेता खुलकर बेनीवाल के विरोध में आ गए हैं. पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी, भवानी सिंह राजावत और प्रह्लाद गुंजल सरीखे वसुंधरा राजे गुट के नेताओं ने भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय भाजपा के मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है.
शाह और नड्डा को लिखे पत्र में कहा गया है कि बेनीवाल आज ही भाजपा से संबंध तोड़ ले भाजपा को उनकी कोई जरुरत नहीं है. किसी समय वो ही आगे बढ़कर भाजपा के दरवाजे पर आए थे भाजपा आज देश में शक्तिशाली पार्टी बन चुकी है जिसका कोई भी राजनितिक दल मुकाबला नहीं कर पा रहा है. बेनीवाल की तथाकथित राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी राज्य के मुट्ठीभर लोगों में वो भी जाति विशेष में सिमटी हुई है. बेनीवाल आये दिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर कीचड़ उछालने से भी बाज आयें. वसुंधरा राजे आज भी राजस्थान की लोकप्रिय जननायिका होते हुए करोड़ों लोगों के दिलों पर राज कर रही हैं.
इसके अलावा सिंघवी, राजावत और गुंजल की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि राजस्थान में भाजपा का बड़ा जनाधार है और केवल डेढ़ लाख वोटो के अंतर से ही राजस्थान हमारे हाथ से चला गया. अभी हाल ही में सांसद बेनीवाल ने हमारी पार्टी को ललकारते हुए उनकी तथाकथित उम्मीदवार पंचायत चुनाव में भाजपा के खिलाफ खड़ा कर दिए. ये उनकी घोर अनुशासनहीनता है. भारत सरकार द्वारा लागू किए कृषि विधेयक को वापस नहीं लेने पर फिर पार्टी से संबंध तोड़ने की धमकी दे रहे हैं. उनके दल के गिनती के विधायकों के चले जाने या आ जाने से पार्टी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. हाईकमान कठोर निर्णय लेते हुए स्वयं पहल कर तत्काल हनुमान बेनीवाल से संबंध विच्छेद कर ले तो पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं में अच्छा संदेश जायेगा.
राजस्थान की राजनीति के विशेषज्ञ मानते हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से वसुंधरा राजे की रजामंदी ना होने के बावजूद गठबंधन किया था. हनुमान बेनीवाल और वसुंधरा राजे राजनीतिक प्रतिद्वंदी रहे हैं तथा बेनीवाल कई बार वसुंधरा राजे को लेकर टिप्पणी कर चुके हैं. ऐसे में अब हनुमान बेनीवाल ने कृषि कानूनों का विरोध कर वसुंधरा राजे को हमला करने का मौका दे दिया है.
बता दें कि किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. वे दिल्ली बॉर्डर पर डटे हैं और सरकार से कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं. उधर, गुरुवार को सरकार और किसान नेताओं की बातचीत होगी. ये चौथे चरण की बातचीत होगी. इससे पहले मंगलवार को सरकार और किसान नेताओं की बातचीत हुई. हालांकि, ये बातचीत बेनतीजा रही.
भाजपा नेताओं का संयुक्त प्रेस बयान मीडिया में आने के बाद नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने वसुंधरा गुट के इन नेताओं पर पलटवार किया है. बेनीवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि बयानबाजी कर रहे इन सभी भाजपा नेताओं की कोई राजनीतिक हैसियत नहीं है. वैसे भी मेरा गठबंधन केंद्र में नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के साथ हुआ था और उन्होंने इन भाजपा नेताओं से पूछकर गठबंधन नहीं किया था.