Big Breaking: कृष्णा, सुहास और प्रमोद के पास गोल्ड जीतने का मौका, भारत का 18वां पदक हुआ पक्का
मौजूदा विश्व चैम्पियन प्रमोद भगत और सुहास यतिराज भी शनिवार को टोक्यो पैरालंपिक मेन्स सिंगल्स बैडमिंटन में अपने-अपने वर्ग के फाइनल में पहुंच गए लेकिन मनोज सरकार और तरूण ढिल्लों को सेमीफाइनल में पराजय का सामना करना पड़ा
भारतीय शटलर कृष्णा नागर ने टोक्यो पैरालंपिक बैडमिंटन मेन्स सिंगल्स क्लास एसएच6 फाइनल में प्रवेश कर लिया है।इसके साथ ही भारत का 18वां पदक पक्का हो गया है। मौजूदा विश्व चैम्पियन प्रमोद भगत और सुहास यतिराज भी शनिवार को टोक्यो पैरालंपिक मेन्स सिंगल्स बैडमिंटन में अपने-अपने वर्ग के फाइनल में पहुंच गए लेकिन मनोज सरकार और तरूण ढिल्लों को सेमीफाइनल में पराजय का सामना करना पड़ा। हालांकि मनोज और तरुण के पास अब भी ब्रॉन्ज मेडल जीतने का मौका है।
फाइनल में पहुंचते ही कृष्णा ने भारत का 18वां पदक पक्का कर दिया है। भारत ने टोक्यो पैरालंपिक में अब तक तीन गोल्ड, सात सिल्वर और पांच ब्रॉन्ज मेडल जीता है। बैडमिंटन में लंदन ओलंपिक 2012 में साइना नेहवाल ने कांस्य, रियो 2016 में पीवी सिंधु ने सिल्वर और टोक्यो 2020 में सिंधु ने कांस्य पदक जीता था। फाइनल में पहुंचते ही सुहास यतिराज और प्रमोद भगत के बाद कृष्णा नागर ओलंपिक या पैरालंपिक खेलों में बैडमिंटन में मेडल जीतने वाले तीसरे पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं। कृष्णा, सुहास और प्रमोद का कम से कम सिल्वर मेडल पक्का हो चुका है। फाइनल में उनके पास मेडल का रंग बदलने का मौका है।
दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और एशियाई चैम्पियन 33 वर्ष के प्रमोद भगत ने एसएल3 क्लास में जापान के दाइसुके फुजीहारा को 36 मिनट में 21-11, 21-16 से हराया। इस साल पैरालंपिक में पहली बार बैडमिंटन खेला जा रहा है लिहाजा स्वर्ण पदक के मुकाबले में पहुंचने वाले भगत पहले भारतीय हो गए। उनका सामना ब्रिटेन के डेनियल बेथेल से होगा।