कोटा रेल मंडल ने रचा इतिहास, 185 KM प्रति घंटे की रफ्तार से दौरी ट्रेन- बनाया नया रिकॉर्ड
कोटा रेल मंडल (Kota Railway Division) ने नया इतिहास रचा है. यहां एक परीक्षण ट्रेन को अधिकतम 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया गया.
कोटा रेल मंडल (Kota Railway Division) ने नया इतिहास रचा है. यहां एक परीक्षण ट्रेन को अधिकतम 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया गया. यह रफ्तार भारत (India) में दौड़ी अब तक सभी ट्रेनों में सबसे अधिक बताई जा रही है. कोटा में इन दिनों रेलवे की ओर से नये बनाये गये तृतीय श्रेणी के वातानुकूलित इकोनॉमी क्लास के कोच का परीक्षण किया जा रहा है.
दो दिन पहले शुक्रवार को कोटा से लबान के बीच इस कोच का परीक्षण (Kota Railway Division) किया गया. परीक्षण के दौरान ट्रेन के इंजन का स्पीडो मीटर का कांटा 185 के ऊपर पहुंच गया. कुछ सैंकड़ों के लिए यह कांटा 186 पर भी टिका रहा. ट्रेन को अधिकतम 186 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सफलतापूर्वक दौड़ने पर अधिकारी खुशी से फूले नहीं समाये. इसके बाद ट्रेन की रफ्तार को घटाया गया. परीक्षण से पहले वजन के लिए कोच में रेती से भरे कट्टे रखे गए थे.
इससे पहले कोटा मंडल (Kota Railway Division) के रोहलखुर्द और शामगढ़ के बीच ट्रेन को अधिकतम 183 की रफ्तार से दौड़ाया गया था. वहीं कोटा से नागदा के बीच ट्रेन को 182 किमी की रफ्तार से दौड़ाया गया था. कोटा में इससे पहले भी दो-तीन बार ट्रेनों की स्पीड का परीक्षण हो चुका है. लेकिन वे परीक्षण 180 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ही हुये थे. यह पहला मौका है जब जब ट्रेन को 185 की रफ्तार से दौड़ाया गया हो. परीक्षण ट्रेन में नये तृतीय श्रेणी के वातानुकूलित इकोनॉमी क्लास के कोच के अलावा लखनऊ स्थित अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) के दो कोच भी लगे हैं. आरडीएसओ द्वारा ही इस कोच का परीक्षण किया जा रहा है.
परीक्षण पर खरा उतरने के बाद नए कोच को ट्रेनों में जोड़े जाने का रास्ता साफ हो जाएगा. नये कोच का निर्माण कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्ट्री में किया गया है. उल्लेखनीय है कि गतिमान एक्सप्रेस भारत में सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन है. यह ट्रेन दिल्ली और झांसी के बीच 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है.