Ganesh Chaturthi 2020 : भगवान गणेश व चांद का है अनोखा किस्सा, भूलकर भी ने देखें आज चांद
शास्त्रों का मत है कि सभी प्रकार के कष्टों के हरने वाले {विघ्नहर्ता} श्री गणेश भगवान का जन्म भाद्रपद के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी तिथि को हुआ था
नई दिल्ली. आज यानी 22 अगस्त को पूरे देश में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार चतुर्थी तिथि 21 अगस्त दिन शुक्रवार की रात 11 बजकर 02 मिनट से 22 अगस्त 2020 दिन शनिवार को शाम 07 बजकर 57 मिनट तक है। शास्त्रों का मत है कि सभी प्रकार के कष्टों के हरने वाले {विघ्नहर्ता} श्री गणेश भगवान का जन्म भाद्रपद के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी तिथि को हुआ था। इसी उपलक्ष्य में इस तिथि को श्री गणेश के जन्मोत्सव या गणेशोत्सव के रूप में मनाते हैं। इसलिए इसे गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी भी कहते हैं।
नहीं देखा जाता चांद
हिंदू में करवा चौथ से लेकर गणेश चतुर्थी जैसे तमाम व्रत एवं त्योहार चंद्रमा पर आधारित होते हैं। यानी चांद निकलने पर ही इन व्रत और त्योहारों की पूजा संपन्न होती है। यहां तक कि चतु्र्थी को चंद्रमा को देखना अशुभ माना जाता है। कहा जाता है भगवान गणेश ने चांद को एक बार श्राप दिया था चतुर्थी के दिन जो भी तुझे देखेगा उस पर कलंक लगेगा। तब से लोग चतु्र्थी का चांद नहीं देखते।
इस बार गणेश चतुर्थी के समय दुरुधरा महायोग भी है। दुरुधरा महायोग तब बनता है जब कुंडली में चन्द्रमा जिस भाव में होते है, उसके दूसरे व 12वें भाव में सूर्य को छोड़कर अन्य ग्रह आते हैं। इस बार की गणेश चतुर्थी पर चन्द्रमा तुला राशि में रहेंगे। वहीं बुध, गुरु, शुक्र 12वें भाव व मंगल तथा शनि द्वितीय भाव में रहेंगे। इस प्रकार पांच ग्रहों से दुरुधरा योग बनेगा। जो कि एक दुर्लभ संयोग है। यह दुर्लभ संयोग विभिन्न राशियों पर कई प्रकार का प्रभाव डाल रहा हैं। यह कई राशियों के लिए अत्यंत लाभदायी होगा।