किसान आंदोलन: सिंघु बॉर्डर पर स्थानीय लोग व किसान भिड़े, चले डंडे- तलवार, पत्थरबाजी

स्थानीय ग्रामीणों और किसान प्रदर्शनकारियों में शुक्रवार को भिड़ंत हो गई। दोपहर करीब 1 बजे नरेला की तरफ से आए लोग धरनास्थल पर पहुंचे और नारेबाजी करते हुए किसानों से बॉर्डर खाली करने की मांग करने लगे।

किसान आंदोलन: सिंघु बॉर्डर पर स्थानीय लोग व किसान भिड़े, चले डंडे- तलवार, पत्थरबाजी

तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर जारी प्रदर्शन के बीच सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार दोपहर में बड़ा बवाल हो गया। स्थानीय ग्रामीणों और किसान प्रदर्शनकारियों में शुक्रवार को भिड़ंत हो गई। दोपहर करीब 1 बजे नरेला की तरफ से आए लोग धरनास्थल पर पहुंचे और नारेबाजी करते हुए किसानों से बॉर्डर खाली करने की मांग करने लगे। इनका कहना था कि किसान आंदोलन के चलते लोगों के कारोबार ठप हो रहे हैं। करीब 1:45 बजे ये लोग किसानों के टेंट तक पहुंच गए और उनकी जरूरत के सामान तोड़ दिए। इसके बाद किसानों और नारेबाजी कर रहे लोगों के बीच झड़प शुरू हो गई। दोनों ओर से पथराव भी हुआ। सिंघू बॉर्डर पर स्थानीय लोगों व आंदोलनकारियों के बीच पथराव के चलते कई घायल हुए हैं, इनमें एक पुलिसकर्मी भी है।


वहीं हालात को काबू में करने के लिए वहां तैनात पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े हैं और हल्का बल का प्रयोग भी किया है। इस पथराव में पुलिस सहित कई लोग घायल हो गए हैं। फिलहाल यहां पर माहौल बेहद तनावपूर्ण है। बताया जा रहा है कि पिछले 2 महीने से भी अधिक समय से किसानों के प्रदर्शन के चलते आसपास के ग्रामीणों में काफी रोष है। 


इसी बवाल के बीच SHO अलीपुर पर एक प्रदर्शनकारी ने तलवार से हमला किया. पुलिस ने हमला करने वाले व्यक्ति को हिरासत में ले लिया है. शुक्रवार सुबह ही दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में लोग किसान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्रदर्शन करने आए थे. यहां पर 'तिरंगे का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान' के नारे लगाए गए और तुरंत हाइवे खाली करने की मांग की गई.  


आपको बता दें कि किसानों का आंदोलन एक बार फिर तेज हो गया है। गाजीपुर सीमा पर बवाल के बाद एक बार फिर किसान जोश में आ गए हैं। राकेश टिकैत के गुरुवार शाम को मीडिया के सामने आंसु बहाए। इसके बाद पश्चिमी यूपी और हरियाणा के अलग-अलग इलाकों से किसान गाजीपुर सीमा पहुंचने लगे हैं। मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत से पहले राकेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया है। राकेश टिकैत ने कहा कि हम यहां ही रहेंगे, यूपी सरकार से मांग है कि प्रदर्शनस्थल पर सुविधाएं दी जाएं। हम गिरफ्तारी नहीं देंगे, सरकार से बात करेंगे।


किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के श्रवण सिंह पंढेर की ओर से शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की हई। पंढेर ने कहा कि पुलिस के एक्शन के बावजूद हमारा आंदोलन जारी रहेगा। गाजीपुर में हजारों की संख्या में किसान जुटे हैं, सिंघु बॉर्डर पर भी किसान एकजुट हैं। श्रवण सिंह पंढेर ने कहा कि मोदी सरकार मौलिक अधिकारों पर ढाका मार रही है, दिल्ली जल बोर्ड जो पानी का टैंक पहुंचा रहा था, उन्हें नहीं आने दिया जा रहा है। हम मर जाएंगे, लेकिन आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे। सिंघु बॉर्डर के पास फोन सर्विस भी बंद हो गई है और किसी भी सर्विस प्रोवाइडर का नेटवर्क नहीं आ रहा है।