Jammu Kashmir: शांति सम्मेलन के बहाने कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं ने दिया आलकमान को संदेश
कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की मांग के लिए सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले कई कांग्रेस नेता भी पहुंचे हैं.
जम्मू में आयोजित ‘शांति सम्मेलन’ (Peace conference) में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि चाहे वह जम्मू-कश्मीर हो या लद्दाख, हम सभी धर्मों, लोगों और जातियों का सम्मान करते हैं. हम सभी का बराबरी से सम्मान करते हैं. ये हमारी शक्ति है और इसी के साथ आगे बढ़ते रहेंगे. इस कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की मांग के लिए सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले कई कांग्रेस नेता भी पहुंचे हैं. उन नेताओं की ओर इशारा करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पिछले 5-6 सालों में इन सभी दोस्तों ने जम्मू-कश्मीर को लेकर संसद में मुझसे कम नहीं बोला है.
ये नेता रहे शांति सम्मेलन में मौजूद
पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि संसद में इन सबने जम्मू-कश्मीर की बेरोजगारी पर, राज्य का दर्जा खत्म करने पर, उद्योगों और शिक्षा को बर्बाद करने पर और जीएसटी लागू करने पर बोला है. इस शांति सम्मेलन में आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, भूपिंदर हुड्डा, विवेक तन्खा, कपिल सिब्बल, राज बब्बर और दूसरे नेता पहुंचे हैं.
उन्होंने कहा, “आज कई बरसों बाद हम राज्य का हिस्सा नहीं हैं, हमारी पहचान खत्म हो गई है. राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए हमारी संसद के अंदर और बाहर लड़ाई जारी रहेगी. जब तक यहां चुने हुए नुमाइंदे मंत्री और मुख्यमंत्री नहीं होंगे, बेरोजगारी, सड़कों और स्कूलों की ये हालत जारी रहेगी.”
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद समेत हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और मध्यप्रदेश के आधा दर्जन से अधिक दिग्गज कांग्रेसी शुक्रवार को ही जम्मू में पहुंच गए।
खास बात यह है कि यह नेता ऐसे समय में जम्मू एकत्रित हुए हैं जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तमिलनाडु में चुनाव प्रचार को गति देने जा रहे हैं। हालांकि राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद पहली बार जम्मू पहुंचे गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर शुक्रवार को भाजपा में जाने से इन्कार कर दिया पर पार्टी के दिग्गजों के जमावड़े से साफ है कि यह गुट भविष्य में भी गांधी परिवार की चुनौती बढ़ाने वाला है।
बताया जा रहा है कि यह नेता राहुल गांधी द्वारा गत दिनों तिरुवंतपुरम में दिए गए भाषण से भी नाराज हैं। राहुल गांधी ने अपने भाषण में उत्तर भारत की सियासत और सियासतदानों पर ही सवाल खड़े करते हुए कहा था कि मैं बीते 15 साल तक उत्तर भारत से सांसद था। मैंने दक्षिण भारत के लोगों को मुद्दों पर सरसरी नहीं बल्कि गहन और गूढ़ चर्चा में शामिल देखा है। मेरे लिए केरल आना, बहुत अच्छा रहा है। उनके इस बयान को उत्तर और दक्षिण के बीच दरार पैदा करने वाला माना जा रहा है। खास बात यह है कि यह सभी उत्तर भारत से ही संबंध रखते हैं।
कांग्रेस पार्टी कमजोर हो रही है- सिब्बल
वहीं कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने मीटिंग में कहा, “सच्चाई ये है कि कांग्रेस पार्टी हमें कमजोर होती दिखाई दे रही है और इसलिए हम यहां इकट्ठा हुए हैं. हमें इकट्ठा होकर पार्टी को मजबूत करना है. गांधी जी सच्चाई के रास्ते पर चलते थे, ये सरकार झूठ के रास्ते पर चल रही है.”
सम्मेलन के जरिए आलाकमान को संदेश
सूत्रों के मुताबिक जम्मू में मीटिंग (Peace conference) से पहले इस समूह के एक नेता ने कहा था कि यह मीटिंग कांग्रेस हाई कमान के लिए भी एक संदेश है. उन्होंने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि हम पार्टी आलाकमान को बताना चाहते हैं कि हम एकसाथ हैं. हमारे पास एक मुद्दा है और उन्हें इसके लिए अवश्य कुछ करना चाहिए. शुक्रवार को गुलाम नबी आजाद तीन दिनों के दौरे पर जम्मू पहुंचे थे तो उनका पार्टी नेताओं ने स्वागत किया था.