जयपुर महापौर सौम्या गुर्जर का निर्वाचन फंसा विवादों में, कोर्ट में पहुंचा मामला
नवनिर्वाचित महापौर सौम्या गुर्जर से जुड़ा एक मामला जयपुर जिला एवं सत्र न्यायालय में पहुंचा है।
जयपुर ग्रेटर नगर निगम की नवनिर्वाचित मेयर सौम्या गुर्जर से अब एक बार फिर विवादों में आ गई है. ।नवनिर्वाचित महापौर सौम्या गुर्जर से जुड़ा एक मामला जयपुर जिला एवं सत्र न्यायालय में पहुंचा है। सौम्या गुर्जर का नाम करौली जिले की मतदाता सूची में दर्ज होने के बावजूद भी जयपुर की वोटर लिस्ट में लिखवाने और फिर पार्षद व महापौर का का चुनाव लड़ने की प्रक्रिया को गलत बताते हुए निर्वाचन निरस्त करने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता पिंकी यादव ने एडवोकेट ए.के.जैन के माध्यम से यह याचिका दायर की है जिसपर कोर्ट 5 दिसम्बर को सुनवाई करेगी.
जैन ने बताया कि जयपुर ग्रेटर नगर निगम के वार्ड नंबर 87 से जब सौम्या गुर्जर ने चुनाव के लिए नांमाकन पत्र दाखिल किया, उस समय उनका करौली जिले के देवरी गांव की मतदाता सूची में नाम दर्ज था। उसी दौरान उन्होंने जयपुर की वोटर लिस्त में नाम लिखवाकर नगर निगम का चुनाव लड़ा था। नियमों की बात की जाए तो एक व्यक्ति किसी नगर पालिका का चुनाव उस स्थिति में ही लड़ सकता है जब वह उस क्षेत्र की नगर पालिका का मतदाता हो. लेकिन सौम्या ने दो जगहों की वोटर लिस्ट में नाम होते हुए भी तथ्य छिपाकर चुनाव लड़ा जो अवैध है. सौम्या (Greter Mayor) ने 3 नवंबर 2020 को अपना नाम करौली जिले की वोटर लिस्ट से हटवाया.
वहीं इसके अलावा ग्रेटर के वार्ड 89 और 102 के पार्षदों के खिलाफ भी याचिका दायर की गई है. वार्ड 89 के पार्षद गिर्राज पर कांग्रेस प्रत्याशी मोतीलाल वर्मा आरोप लगाया है कि गिर्राज शर्मा ने नामांकन में समय घर में शौचालय होने का शपथ पत्र दिया था. जबकि शौचालय नहीं है.