JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद के खिलाफ UAPA के तहत चलेगा मुकदमा, केजरीवाल सरकार ने दी अनुमति
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि हमने पुलिस के पास दर्ज दिल्ली दंगों से जुड़े सभी मामलों में मुकदमा चलाने की अनुमति पुलिस को दे दी है।
अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में फरवरी में हुए साम्प्रदायिक दंगों से जुड़े एक मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नगर पुलिस को दे दी है. दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि हमने पुलिस के पास दर्ज दिल्ली दंगों से जुड़े सभी मामलों में मुकदमा चलाने की अनुमति पुलिस को दे दी है। बता दें कि पूर्वोत्तर दिल्ली में हिंसा के आरोपी उमर खालिद को 14 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। किसी आरोपी के खिलाफ UAPA के तहत मुकदमा चलाने के लिए गृह मंत्रालय की मंजूरी लेना आवश्यक होता है।
दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार दोनों ने उमर खालिद के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति एक पखवाड़े पहले दे दी है और अब पुलिस अपने पूरक आरोप पत्र में खालिद को नामजद कर सकती है। यूएपीए की धारा 13 के तहत किसी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए हमें गृह मंत्रालय से मंजूरी की आवश्यकता होती है, जो हमें मिल गयी है. वहीं यूएपीए की धाराओं 16,17 और 18 के तहत मुकदमा चलाने के लिए हमें दिल्ली सरकार से भी मंजूरी मिल गयी है।
दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने पिछले महीने तिहाड़ जेल में बंद उमर खालिद की न्यायिक हिरासत अवधि 20 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी थी। इसके साथ ही अदालत ने जेल प्रशासन को जेल के अंदर खालिद की सुरक्षा का ध्यान रखने को कहा था साथ ही अदालत ने आरोपी खालिद को भी कहा कि वह अपनी सुरक्षा को लेकर प्रशासन द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर सहयोग करे।
उमर खालिद ने कोर्ट में तिहाड़ प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। बताया कि उसे कई दिनों तक एकांत कारावास में रखा गया, उसे किसी से बात तक नहीं करने दिया जाता। उमर खालिद ने कोर्ट से पूछा है कि उसे ऐसी सजा क्यों दी जा रही है। खालिद ने कोर्ट से कहा, मुझे सुरक्षा की आवश्यकता है, लेकिन सुरक्षा का मतलब यह नहीं कि मुझे बंधक बना दिया जाए, मैं अपने सेल से बाहर ना जा पाऊं। यह एक सजा की तरह है, मुझे यह सजा क्यों दी गई है?