किसान आंदोलन में टेरर फंडिंग की जांच: किसान आंदोलन को तोड़ने के लिए NIA का इस्तेमाल कर रही मोदी सरकार!

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने किसान आंदोलन से जुड़े 50 से ज्यादा नेताओं और कारोबारियों को समन भेजा है। इनमें से कुछ लोगों से शनिवार को पूछताछ भी की गई।

किसान आंदोलन में टेरर फंडिंग की जांच: किसान आंदोलन को तोड़ने के लिए NIA का इस्तेमाल कर रही मोदी सरकार!

किसान आंदोलन (Kisan Andolan) का आज 53वां दिन है, किसान आज 26 जनवरी को टैक्ट्रर परेड के लिए रणनीति बनाएंगे। बताया जा रहा है कि राजपथ के अलावा और कहां कहां ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। उस पर किसान संगठन रणनीति बनाएंगे। दरअसल किसानों का ऐलान है कि अब देशभर से 1 करोड़ किसान 26 जनवरी को दिल्ली की गणतंत्र दिवस परेड में अपने ट्रैक्टरों के साथ शामिल होकर तिरंगा लहराएंगे, जिसकी झलक वह ट्रैक्टर रैली के जरिए दिखा चुके हैं।

किसानों की सरकार से 10 दौर की बातचीत हो चुकी है। अगली मीटिंग मंगलवार को होगी। इससे पहले आंदोलन में नया मोड़ आ गया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने किसान आंदोलन से जुड़े 50 से ज्यादा नेताओं और कारोबारियों को समन भेजा है। इनमें से कुछ लोगों से शनिवार को पूछताछ भी की गई। पटियाला के NRI दर्शन सिंह धालीवाल से दिल्ली एयरपोर्ट पर ढाई घंटे से ज्यादा पूछताछ की गई। वहीं पटियाला में बब्बर खालसा के आतंकी जगतार सिंह हवारा के पिता गुरचरन सिंह और किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा को भी NIA ने समन जारी किए हैं।

LBIWS के अध्यक्ष बलदेव सिंह सिरसा ने केंद्र सरकार पर किसान आंदोलन को पटरी से उतारने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पहले सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के जरिए किसान आंदोलन को खत्म करने की कोशिश की और वो NIA का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के जरिए किसान आंदोलन को खत्म करने की कोशिश की और वो NIA का इस्तेमाल कर रही है। आपको बता दें, एनआईए ने लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष बलदेव सिंह सिरसा को पूछताछ के लिए समन भेजा है। ये समन गैरकानूनी संगठन सिख फॉर जस्टिस के खिलाफ एक केस के संबंध में भेजा गया है।


किसान नेताओं ने साफ कर दिया है कि अब उनका फोकस दिल्ली कूट पर रहेगा, क्योंकि 15 जनवरी को 10वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। जिसके बाद से किसान इस बात को लेकर आगे बढ़ रहे हैं कि आंदोलन को और भी तेज करेंगे। 21 जनवरी तक किसान एक लाख ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर केएमपी और केजीपी एक्सप्रेसवे पर जमा होंगे। 23 जनवरी को आंदोलन की रिहर्सल होगी और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होंगे।इसके लिए साधन उपलब्ध करवाने की रणनीति पर विचार आज रविवार को विचार किया गया है। दिल्ली के 300 किमी के दायरे के किसान अपने ट्रैक्टरों-ट्रॉलियों से आएंगे और दूर-दराज के किसानों से बसों, गाड़ियों से दिल्ली आने को कहा जाएगा। किसानों के लिए जगह-जगह पर लंगर की व्यवस्था की जाएगी। धरना स्थलों पर ज्यादा से ज्यादा टेंट लगाकर लोगों को ठहरने के इंतजाम किए जाएंगे। किसान नेताओं ने कहा है कि आंदोलन में महिलाएं भी बढ़चढ़कर शामिल होंगी।