भारतीय सेना ने नए साल पर गलवान घाटी में फहराया तिरंगा, ड्रैगन की नापाक करतूतों को मुंहतोड़ जवाब

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक भारतीय सेना के जवानों ने नए साल की पूर्व संध्या पर गलवान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था

भारतीय सेना ने नए साल पर गलवान घाटी में फहराया तिरंगा, ड्रैगन की नापाक करतूतों को मुंहतोड़ जवाब

भारतीय सेना ने नए साल के अवसर पर गलवान घाटी, लद्दाख में तिरंगा फहराया। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक भारतीय सेना के जवानों ने नए साल की पूर्व संध्या पर गलवान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।

भारतीय सेना द्वारा यह कदम उन खबरों के बीच उठाया गया है। जिनमें दावा किया गया था कि चीनी सैनिकों ने कुछ दिन पहले इस क्षेत्र में अपना झंडा फहराया था। इससे पहले, मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि चीनी सरकार ने नए सीमा कानून को लागू करने से दो दिन पहले अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश में 15 स्थानों का नाम बदलने की मांग की थी।

पिछले गुरुवार भारत सरकार ने अपने एक बयान में कहा था कि, उन्होंने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश की कुछ जगहों का नाम बदलने की कोशिश को लेकर रिपोर्ट देखी है। यह प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा, नए नाम रखने से इस तथ्य को कोई बदल नहीं सकता।

चीन के द्वारा अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों का नाम अपनी भाषा में बदलने की खबरों पर मीडिया के सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि चीन ने भी अप्रैल 2017 में ऐसे नाम देने की मांग की थी। वर्ष 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद, सैन्य और राजनयिक वार्ता के कई दौर गतिरोध में ही समाप्त हो गए हैं। कुछ सीमावर्ती इलाकों में चीन का हस्तक्षेप कम हुआ है, लेकिन पूरी तरह से हस्तक्षेप अभी समाप्त नहीं हुआ है। खासतौर से देपसांग और हाट स्प्रिंग्स में हस्तक्षेप चिंता का प्रमुख कारण बना हुआ है।