इंडिविजुअल रेसलिंग विश्व कप में भारत की Anshu Malik को रजत पदक से करना पड़ा संतोष
Anshu Malik का यह मेडल भारत के लिए काफी महत्व रखता है। अंशु ने 2020 की शुरूआत में रोम में स्टैटेड मैटेओ पेलिकॉन मेमोरियल मीट से सीनियर वर्ग में खेलने की शुरूआत की थी।
सर्बिया में चल रहे इंडिविजुअल Wrestling World Cup में Anshu Malik ने महिलाओं के 57 किलोग्राम भारवर्ग में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया। ये इस विश्वकप का भारत का अभी तक का एकमात्र पदक है। 19 वर्षीय अंशु को फाइनल में मोल्दोवा की अनास्तासिया निकिता से 5-1 से हार का सामना करना पड़ा।
अंशु मलिक ने क्वालिफिकेशन राउंड में अज़रबैजान रेसलर एलोना कोलेनिस को 4-2 अंकों से हराया था। क्वार्टरफाइनल में उन्होंने जर्मनी की रेसलर लौरा मर्टेंस को 3-1 अंकों से हराया और सेमीफ़ाइनल में पहुंच गईं।सेमीफाइनल राउंड में उन्होंने रूसी पहलवान वेरोनिका चुमिकोवा को 7-4 अंकों से हराया और फाइनल में पहुंची। गोल्ड मेडल मुकाबले में वह मेसेडोनियन पहलवान अनातसिया निकिता से भिड़ी और उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
Anshu Malik का यह मेडल भारत के लिए काफी महत्व रखता है। अंशु ने 2020 की शुरूआत में रोम में स्टैटेड मैटेओ पेलिकॉन मेमोरियल मीट से सीनियर वर्ग में खेलने की शुरूआत की थी। अपने शानदार करियर में अंशु कनाडा की 59 किग्रा विश्व चैंपियन लिंडा मोरिस, और 2014 की युवा ओलंपिक गेम्स चैंपियन ग्रेस बैलेन जैसी शीर्ष खिलाड़ियों को हरा चुकी हैं। इसके बाद उन्होंने नई दिल्ली में एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक भी जीता है।
आपदा को बनाया अवसर
अंश मलिक ने कोरोना की आपदा को अवसर बनाते हुए पूरा फायदा उठाया। लॉकडाउन के दौरान उन्होंने खेल स्कूल निडानी में ही कड़ा अभ्यास किया। अंशु मलिक ने रोम में हुई वर्ल्ड रैंकिंग सीरीज रेसलिंग चैंपियनशिप और एशिया चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। इसके अलावा जूनियर एशिया चैंपियनशिप में अंशु मलिक स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं।
बेलग्रेड में भारत का अभी तक एकमात्र पदक
Anshu Malik का रजत पदक बेलग्रेड में भारत की उम्मीदों का अभी तक एकमात्र सहारा रहा है। अंशु के अलावा कोई भी दूसरा भारतीय पहलवान इस साल पदक नहीं जीत सका है। विश्व कांस्य पदक विजेता और एशियाई चैंपियन रवि दहिया तो पहले ही राउंड में हंगरी के खिलाड़ी से हारकर बाहर हो गए। बाकी खिलाड़ी भी कोई खास प्रदर्शन नहीं पाए हैं। Anshu Malik की कोशिश अब 57 किलो भारवर्ग में ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने की है। इस भारवर्ग में अभी तक कोई भी भारतीय रेसलर टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं पाया है।