कृषि कानून को लेकर किसानों के प्रदर्शन के बीच कई केंद्रीय मंत्री ट्वीट कर बोले- एमएसपी रहेगी जारी मंडी नहीं होगी खत्म
केंद्रीय मंत्रियों की ओर से कृषि कानून के मसले पर सफाई दी जा रही है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर समेत अन्य नेताओं ने सोमवार सुबह ट्वीट कर कृषि कानून के बारे में जानकारी दी।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है। इस बीच अब कई केंद्रीय मंत्री कृषि कानून के बचाव में उतर आए हैं। अब केंद्रीय मंत्रियों की ओर से कृषि कानून के मसले पर सफाई दी जा रही है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर समेत अन्य नेताओं ने सोमवार सुबह ट्वीट कर कृषि कानून के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एसएसपी जारी रहेगी और मंडियां भी खत्म नहीं होगी।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार भी अब एक्टिव होती नजर हा रही है. सरकार की ओर से किसानों को बातचीत के लिए न्यौता दिया जा रहा है. बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार देर शाम भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की. सूत्रों के अनुसार, तीनों मंत्रियों ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए नड्डा के आवास पर उनसे मुलाकात की. शाह पहले ही आंदोलनरत किसानों से बुराड़ी मैदान में जाने की अपील कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि तय स्थान पर पहुंचने के बाद सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है. तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमा पर पिछले चार दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रविवार को केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश के सभी पांच रास्तों को बंद करने की धमकी दी है. प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों और सरकार के बीच तीन दिसंबर 2020 को बातचीत प्रस्तावित है.
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार सुबह ट्वीट कर लिखा, ‘नए कृषि कानून APMC मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं. मंडियां पहले की तरह ही चलती रहेंगी. नए कानून ने किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दी है, जो भी किसानों को सबसे अच्छा दाम देगा वो फसल खरीद पाएगा चाहे वो मंडी में हो या मंडी के बाहर.’
वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि कृषि कानून पर गलतफहमी ना रखें. पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान मंडी में बेचा और ज़्यादा एमएसपी पर बेचा। एमएसपी भी जीवित है और मंडी भी जीवित है और सरकारी खरीद भी हो रही है।
बता दें कि कृषि कानून को लेकर किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं। किसानों की सबसे बड़ी चिंता एमएसपी की ही है और मंडियों को लेकर बात कही जा रही है वहीं केंद्र सरकार की ओर से किसानों को तीन दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया गया है, इसके अलावा खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपील करते हुए कहा था कि अगर किसान बुराड़ी स्थित मैदान में आते हैं तो उनसे तुरंत भी बात हो सकती है जबकि किसान संगठनों ने आंदोलन स्थल पर ही बातचीत करने पर जोर दिया है।