किसानों के समर्थन में केजरीवाल का ऐलान मैं भी रखूंगा एक दिन का उपवास, पूरे देश से भी की यही अपील

सोमवार को अन्नदाताओं ने उपवास का ऐलान किया है. जिसके समर्थन में अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आ गए हैं.

किसानों के समर्थन में केजरीवाल का ऐलान मैं भी रखूंगा एक दिन का उपवास, पूरे देश से भी की यही अपील

केंद्र सरकार और किसानों के बीच कृषि कानूनों को लेकर कोई मध्यस्थता होती नजर नहीं आ रही है। किसनों संगठन केंद्र सरकार के सभी प्रस्तावों को ठुकराते हुए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। 18 वे  दिन भी सरकार और किसानों के बीच किसी तरह का कोई समझौता नहीं हो पाया है. इसी बीच सोमवार को अन्नदाताओं ने उपवास का ऐलान किया है. जिसके समर्थन में अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आ गए हैं.


किसानों के समर्थन के बीच अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया है कि कल यानि की 14 दिसंबर को आम आदमी पार्टी उपवास में रहेंगी। बता दें कि  किसानों ने घोषणा की कि उनकी यूनियनों के प्रतिनिधि 14 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन के दौरान भूख हड़ताल पर बैठेंगे। उन्होंने कहा कि रविवार को हजारों किसान राजस्थान के शाहजहांपुर से जयपुर-दिल्ली राजमार्ग के रास्ते सुबह 11 बजे अपने ट्रैक्टरों से ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू करेंगे।

केजरीवाल ने कहा की किसानों ने कल एक दिन के उपवास का ऐलान किया है. उन्होंने पूरे देश से अपील की है कि उनके समर्थन में 1 दिन का उपवास रखें. मैं भी कल 1 दिन का उपवास रखूंगा. आम आदमी पार्टी के सभी समर्थकों और वालंटियर से अपील करता हूं कि कल 1 दिन का उपवास रखें और किसानों का समर्थन करें.


केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा, 'केंद्र सरकार के कुछ मंत्री और बीजेपी के लोग बार-बार कह रहे हैं कि किसान देशद्रोही हैं यह आंदोलन देशद्रोहियों का है, यहां एंटी नेशनल लोग लोग बैठे हुए हैं. मैं पूछना चाहता हूं कि यहां पर बहुत से पूर्व सैनिक बैठे हुए हैं जिन्होंने देश की रक्षा करने के लिए अपनी जान की बाजी लगाई थी, क्या यह सारे लोग एंटी नेशनल हैं. मैं बीजेपी के नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों से पूछना चाहता हूं कि ऐसे कितने ही खिलाड़ी हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए नाम कमाया और मेडल जीतकर लाए. ऐसे कितने ही खिलाड़ी किसानों के साथ बैठे हैं, अपने अपने घरों में बैठकर दुआएं भेज रहे हैं. क्या यह सारे एंटी नेशनल हैं? मैं पूछना चाहता हूं बीजेपी के नेताओं और मंत्रियों से के कितने ही सिंगर और सेलिब्रिटी हैं जो किसानों के बच्चे हैं और किसानों के परिवार से आते हैं. यह सब लोग इनको समर्थन कर रहे हैं. क्या यह सब लोग एंटी नेशनल हैं? कितने ही डॉक्टरों ने किसानों को समर्थन दिया है, क्या यह सब एंटी नेशनल हैं. वकीलों ने किसानों को समर्थन दिया है, क्या यह सब एंटी नेशनल हैं, कितने ही व्यापारियों ने समर्थन दिया क्या यह सब एंटी नेशनल हैं?'


उन्होंने कहा कि मैं यह कहना चाहता हूं कि कोई यह गलतफहमी में ना रहे की इस कानून के विरोध में केवल कुछ किसान हैं जो धरने पर बैठे हुए हैं, बल्कि देश का एक एक आदमी इन कानूनों को समझ रहा है. जो लोग अपनी जिंदगी में व्यस्त होने की वजह से बॉर्डर पर नहीं पहुंच पा रहे उनका दिल वहीं है किसानों के साथ.