Coronavirus की दवा को लेकर बड़ा अध्ययन, ब्लड-प्रेशर की दवाएं इलाज के लिए कारगर
कोरोना वायरस फैलने का सबसे बड़ा कारण यह है कि इसे लेकर अभी तक कोई वैक्सीन व दवा सामने नहीं हैं
नई दिल्ली. कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। देश में इस महामारी से 32 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित है। हर रोज 50, 60 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे है। कोरोना वायरस फैलने का सबसे बड़ा कारण यह है कि इसे लेकर अभी तक कोई वैक्सीन व दवा सामने नहीं हैं। वहीं एक शोध में समाने आया है कि हाई ब्लड प्रेशर (BP) यानी उच्च रक्तचाप में काम आने वाली दवाएं इस घातक वायरस से पीड़ित लोगों के इलाज में कारगर हो सकती हैं। इन दवाओं से खासतौर पर उच्च रक्तचाप रोगियों को लाभ हो सकता है। इनके इस्तेमाल से ना सिर्फ कोरोना से बचने की दर सुधर सकती है बल्कि संक्रमण की गंभीरता को भी कम किया जा सकता है।
ब्रिटेन की ईस्ट एंग्लिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एंटीहाइपरटेंसिव वर्ग की दवाओं का सेवन करने वाले करीब 28 हजार रोगियों पर किए गए एक अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। ये दवाएं उच्च रक्तचाप के उपचार में इस्तेमाल की जाती हैं। करंट ऐथिरोस्क्लेरोसिस रिपोर्ट्स पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, एंजियोटेंसिन-कंवर्टिग एंजाइम इंहिबिटर्स (ACEI) या एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स (ARB) का सेवन करने वाले बीपी रोगियों में कोरोना के गंभीर संक्रमण और मौत का खतरा कम पाया गया।
ईस्ट एंग्लिया यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधकर्ता वासिलियोस वासिलियो ने कहा, 'हम यह जानते हैं कि हृदय रोगियों में कोरोना संक्रमण के गंभीर होने का ज्यादा खतरा रहता है। हमने पाया कि करीब एक तिहाई उच्च रक्तचाप से पीड़ित कोरोना रोगी एसीईआइ या एआरबी दवाएं लेते हैं। ऐसा संक्रमण के बढ़ते खतरे के चलते हो सकता है।' उन्होंने बताया, 'हमारे अध्ययन की सबसे अहम बात यह है कि इन दवाओं के चलते कोरोना के गंभीर होने या मौत के खतरे का कोई साक्ष्य नहीं पाया गया।' कोरोना महामारी के प्रारंभिक दौर में इन दवाओं के कारण संक्रमण के गंभीर होने का अंदेशा जताया गया था।