हाथरस कांड: CBI की चार्जशीट के बाद कांग्रेस ने बोला योगी सरकार पर हमला
उत्तर प्रदेश में हाथरस जिले के एक गांव में 19 वर्षीय एक दलित युवती से कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के मामला एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है.
उत्तर प्रदेश में हाथरस जिले के एक गांव में 19 वर्षीय एक दलित युवती से कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के मामला एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है. सीबीआई ने जैसे ही अदालत में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, उसके कुछ घंटों बाद से ही पूरा विपक्ष उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस ने भी योगी सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस का कहना है कि लड़ाई लंबी है लेकिन जीत इंसाफ की होगी.
महिला कांग्रेस ने योगी आदित्यनाथ पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया, 'जिस भाजपाई सरकार का मुख्यमंत्री महिलाओं की सुरक्षा के बारे में गैर-जिम्मेदाराना सोच रखता हो, उनसे न्याय की उम्मीद कैसे की जाए? वो तो अन्याय और अत्याचार के समर्थन में ही खड़े मिलेंगे.'
वहीं युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास ने ट्वीट किया, 'हार हो जाती है जब मान लिया जाता है. जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है. राहुल गांधी जी एवं प्रियंका गांधी जी के इसी संघर्ष की बदौलत ये साबित हो सका कि हाथरस की उस मासूम के साथ जघन्य अपराध हुआ था. लड़ाई लंबी है लेकिन जीत इंसाफ की होगी.'
बता दें कि इस मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया. अधिकारियों ने बताया कि करीब 4 महीनों की अपनी जांच के बाद केंद्रीय एजेंसी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में यह कहा है कि आरोपियों (संदीप, लवकुश, रवि और रामू) ने युवती से उस वक्त कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था, जब वह चारा एकत्र करने के लिए खेतों में गई थी. सीबीआई ने हाथरस की अदालत में सौंपे गए जांच के निष्कर्ष में गांव के चारों आरोपियों पर बलात्कार, हत्या और सामूहिक बलात्कार से संबद्ध भारतीय दंड संहिता की धाराएं लगाई हैं.
उल्लेखनीय है कि हाथरस में इस दलित युवती से अगड़ी जाति के चार व्यक्तियों ने 14 सितंबर को कथित तौर पर बलात्कार किया था. इलाज के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई थी. इसके बाद उसकी 30 सितंबर की रात उसके घर के पास रात में अंत्येष्टि कर दी गई थी.
युवती के परिवार ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस ने आनन-फानन में अंत्येष्टि करने के लिए उन पर दबाव डाला था. हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहा था कि अंत्येष्टि परिवार की इच्छा के अनुसार की गई. सीबीआई ने मामले की जांच 11 अक्टूबर को अपने हाथ में ली थी और घटना की जांच के लिए एक टीम गठित की और जांच कार्य अपनी गाजियाबाद इकाई को सौंपा था.