योगी सरकार के धर्म परिवर्तन वाले अध्यादेश को HC में दी गई चुनौती, रद्द करने की मांग
अध्यादेश को नैतिक व संवैधानिक रूप से अवैध बताते हुए उसे रद्द करने की मांग की गई है
देश के दूसरे राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून लाने पर योगी सरकार ने अंतिम मुहर लगा दी है। इसी कड़ी में योगी सरकार के लव जिहाद से जुड़े धर्म परिवर्तन वाले अध्यादेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। अध्यादेश को नैतिक व संवैधानिक रूप से अवैध बताते हुए उसे रद्द करने की मांग की गई है। याचिका में इस कानून के तहत उत्पीड़न पर रोक लगाने की मांग भी की गई है। सौरभ कुमार की ओर से दाखिल की गई थी जनहित याचिका।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने 31 अक्टूबर 2020 को बयान दिया था कि यूपी सरकार लव जिहाद के खिलाफ कानून लाएगी। सीएम का मानना है कि मुस्लिम युवकों द्वारा हिन्दू लड़की से शादी, धर्म परिवर्तन कराने के षडयंत्र का हिस्सा है। एकल पीठ ने शादी के लिए धर्म परिवर्तन को अवैध करार दिया है।
इसके बाद सीएम योगी का यह बयान आया है. हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने एकल पीठ के फैसले के विपरीत फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि दो बालिग शादी कर सकते हैं। कोर्ट ने धर्म बदलकर शादी करने को गलत नहीं माना है। कोर्ट ने कहा है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद से जीवन साथी व धर्म चुनने का अधिकार है।