दो प्रधानमंत्रियों से प्रभावित थे प्रणब: अटल जी को असरदार और मोदी को तेजी से सीखने वाला पीएम मानते थे
अटलजी को प्रणब सबसे असरदार, तो मोदी को सबसे तेजी से सीखने वाला पीएम मानते थे। यहीं नहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने भी प्रणब मुखर्जी की तारीफ में कहा था कि जब मैं दिल्ली आया था....
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है। वे कई दिनों से आर्मी अस्पताल में भर्ती थे। मुखर्जी को गत 10 अगस्त को सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में भ्र्ती कराया गया था उनका 84 साल की उम्र में निधन हो गया। वे 2012 में राष्ट्रपति बने थे और 2017 तक इस पद पर रहे। भले ही प्रणब का नाता कांग्रेस से था, लेकिन वे भाजपा के दो नेताओं अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी से काफी प्रभावित थे। इसका जिक्र उन्होंने एक कार्यक्रम में किया था।
अटलजी को प्रणब सबसे असरदार, तो मोदी को सबसे तेजी से सीखने वाला पीएम मानते थे। यहीं नहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने भी प्रणब मुखर्जी की तारीफ में कहा था कि जब मैं दिल्ली आया था, तब प्रणब दा ने ही उंगली पकड़कर सिखाया। 2017 में जब राष्ट्रपति पद पर प्रणब मुखर्जी का आखिरी दिन था, तो मोदी ने उनके नाम चिट्ठी में लिखा था- राष्ट्रपति जी, आपके प्रधानमंत्री के रूप में आपके साथ काम करना सम्मान की बात रही।
इस चिट्ठी में मोदी ने जिक्र किया था कि प्रणब हमेशा मोदी से यह पूछते थे कि वे अपनी सेहत का ध्यान रख रहे हैं या नहीं? इस चिट्ठी को प्रणब ने ट्वीट किया था और कहा था कि इसे पढ़कर मैं भावुक हो गया।
मुखर्जी ने खुद ट्वीट कर दी थी कोरोना संक्रमित होने की जानकारी
मुखर्जी ने 10 अगस्त को ट्वीट(ट्वीट) किया, 'मुझे अन्य कारणों से अस्पताल गया था, जहां जांच में मुझे कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। मैं अनुरोध करता हूं कि जो लोग मेरे संपर्क में आए हैं वो सेल्फ क्वारंटाइन में चले जाएं और अपनी जांच कराएं।'
On my last day in office as the President, I received a letter from PM @narendramodi that touched my heart! Sharing with you all. pic.twitter.com/cAuFnWkbYn
— Pranab Mukherjee (@CitiznMukherjee) August 3, 2017
मोदी:प्रणब ने एक गार्जियन की तरह उंगली पकड़कर चीजें सिखाईं
जुलाई 2016 में राष्ट्रपति भवन म्यूजियम के सेकंड फेज के इनॉगरेशन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के लिए कहा था कि जब मैं दिल्ली में नया-नया आया था, तब राष्ट्रपति ने एक गार्जियन की तरह मुझे उंगली पकड़कर चीजें सिखाई थीं। जो मौका मुझे मिला, वो बहुत कम लोगों को मिलता है।
मोदी ने कहा था कि सबसे अहम बात ये है कि उनका पॉलिटिकल बैकग्राउंड अलग है और मेरा अलग, लेकिन उनके साथ मैंने सीखा कि कैसे अलग-अलग राजनीतिक विचारधारा होने के बावजूद लोकतंत्र में एक-दूसरे से कंधे से कंधा मिलाकर काम किया जा सकता है।
प्रणब मुखर्जी का राजनीतिक करियर
मुखर्जी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1969 में कांग्रेस की ओर से राज्यसभा सदस्य के रूप में की थी। इसके बाद 1975, 1981, 1993 और 1999 में वे फिर चुने गए।
1973 में औद्योगिक विकास विभाग में केंद्रीय उप-मंत्री बने और 1997 में इन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद चुना गया था।
2004 में इन्होंने पहली बार लोकसभा की जंगीपुर (पश्चिम बंगाल) सीट से जीत हासिल की थी।
मुखर्जी को पिछले साल किया गया था 'भारत रत्न' से सम्मानित
पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी ने जीवन के सबसे बड़ी उपलब्धि साल 2019 उस समय हासिल की थी, जब उन्हें अपनी बेहतरीन सेवा के लिए देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया था। 2007 में उन्हें 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया गया था।