पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को लेकर दिया बयान, कहा चीन की मदद से बहाल हो सकता है अनुच्छेद 370
आर्टिकल 370 को लेकर कहा कि हमें यह कबूल नहीं है। और जब तक आप आर्टिकल 370 को बहाल नहीं करेंगे, हम रुकने वाले नहीं हैं-पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नैशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को एक विवादित बयान देते हुए कहा कि एलएसी पर जो भी तनाव के हालात बने हैं, उसका जिम्मेदार केंद्र का वो फैसला है जिसमें जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म किया गया था। उन्होंने उम्मीद जताई है कि जम्मू-कश्मीर में दोबारा अनुच्छेद 370 की बहाली में चीन से मदद मिल सकती है। इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार के इस कदम का समर्थन करने वालों को गद्दार बताया है।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ”जहां तक चीन का सवाल है मैंने तो कभी चीन के राष्ट्रपति को यहां बुलाया नहीं। हमारे वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) ने उसे गुजरात में बुलाया, उसे झूले पर भी बिठाया, उसे चेन्नई भी ले गए, वहां भी उसे खूब खिलाया, मगर उन्हें वह पंसद नहीं आया, और उन्होंने आर्टिकल 370 को लेकर कहा कि हमें यह कबूल नहीं है। और जब तक आप आर्टिकल 370 को बहाल नहीं करेंगे, हम रुकने वाले नहीं हैं, क्योंकि तुम्हारे पास अब यह खुल्ला मामला हो गया है। अल्लाह करे कि उनके इस जोर से हमारे लोगों को मदद मिले और अनुच्छेद 370 और 35A बहाल हो।”
मोदी सरकार ने 5 जुलाई 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निष्प्रभावी कर दिया था। साथ ही इस राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया था. इस पर सोमवार को अब्दुल्ला ने कहा, 'वास्तविक अर्थों में जम्मू-कश्मीर में समावेशी विकास का लक्ष्य यहां के लोगों को सशक्त बनाकर और पांच अगस्त, 2019 को लिए गए फैसलों को वापस लेकर ही हासिल किया जा सकता है.
फारूख अब्दुल्ला ने कहा था कि वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में विकास संबंधी परिस्थितियां बेहद निराश करने वाली हैं.फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर में पांच अगस्त 2019 से पहले की स्थिति बहाल करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने संसद के मॉनसून सत्र में भी इस मुद्दे को उठाया था। लोकसभा में अपनी बात रखते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति आज ऐसी है कि जहां प्रगति होनी थी वहां कोई प्रगति नहीं है।