पपला से दोस्ती की पहली सजा 7 दिन का रिमांड: पपला गुर्जर को दो दिन की तो उसकी गर्लफ्रेंड को मिली 7 दिन की पुलिस रिमांड

पपला गुर्जर को व्हील चेयर पर ही अदालत में पेश किया। कोर्ट ने उसे दो दिन की रिमांड पर भेज दिया. जबकि उसकी गर्लफ्रेंड को 7 दिनों के लिए पुलिस की रिमांड भेजा गया है.

पपला से दोस्ती की पहली सजा 7 दिन का रिमांड: पपला गुर्जर को दो दिन की तो उसकी गर्लफ्रेंड को मिली 7 दिन की पुलिस रिमांड

पपला गुर्जर को महाराष्ट्र के कोल्हापुर से उसकी प्रेमिका जिया के घर से गिरफ्तार किया गया था। दोनों को शुक्रवार सुबह भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बहरोड़ लाया गया, जहां उसका सरकारी अस्पताल में मेडिकल मुआयना कराया गया, क्योंकि 27 जनवरी की रात को गिरफ्तारी के वक्त वह पुलिस को देखकर भागने लगा तो उसके पैरों में चोट आ गई थी। जिसका आज एक्सरे कराया गया। पपला गुर्जर को व्हील चेयर पर ही अदालत में पेश किया। कोर्ट ने उसे दो दिन की रिमांड पर भेज दिया. जबकि उसकी गर्लफ्रेंड को 7 दिनों के लिए पुलिस की रिमांड भेजा गया है.


पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ के अनुसार पपला गुर्जर की जिया से जिम में दोस्ती हुई थी। जिया विधवा है। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में जिम चलाती है। पपला भी जिम जाने लगा। कुछ ही दिन में दोनों के बीच ऐसी दोस्ती हो गई कि एक साथ पति-पत्नी की तरह रहने गए।


लेकिन, राजस्थान पुलिस तो 6 सितम्बर 2019 से ही पपला के पीछे थी। 1 साल 4 माह 23 दिन के बाद पपला तक पुलिस पहुंची। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में दो मंजिल मकान में पपला रह रहा था। वहीं पर उसकी महिला मित्र मिली। हालांकि पुलिस का कहना है कि जिया उसके साथ पिछले करीब 12 दिनों से ही रह रही थी। यह हो सकता है कि पपला उसके सम्पर्क के काफी दिनों से है। लेकिन, इसके बारे में पुलिस का कहना है कि अभी अनुसंधान चल रहा है। पूछताछ के बाद आगे जानकारी दी जा सकेगी।

पपला गुर्जर (Papla Gurjjar) को दो दिन की रिमांड पर भेजा आया है, इस दौरान पुलिस पपला की शिनाख्त के लिए शिनाख्त परेड करेगी. जिसके बाद उसकी आगे की रिमांड के लिए कोर्ट में आवेदन करेगी. फिलहाल पपला और उसकी गर्लफ्रेंड को अलग अलग बैरक में रखा गया है.


बहरोड़ कोर्ट में पेशी के दौरान भारी सुरक्षा बल तैनात था। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और इस कुख्यात बदमाश को गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आरपीएस अधिकारी सिद्धांत शर्मा ने बताया कि यह राजस्थान पुलिस के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। देश के हर कोने में मुखबिर तैनात कर इसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए गए। यह प्रयास करीब 17 माह में पूरे हुए। पपला गुर्जर को पकड़ने गई पुलिस टीमें बिल्कुल उस स्थिति में थी कि जिस भाषा में पपला गुर्जर जवाब देता उसी भाषा में पुलिस उसका जवाब देती। 17 माह बाद अब राजस्थान पुलिस ने चैन की सांस ली है।