उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत पहली चार्जशीट, रेप और अपहरण का भी आरोप
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. इस नए कानून के तहत प्रदेश में एक महीने में अब तक 54 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. इस नए कानून के तहत प्रदेश में एक महीने में अब तक 54 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. कानून लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने 16 एफआईआर दर्ज की है, 86 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया. हालांकि अब इसके तहत प्रदेश में पहली चार्जशीट भी दायर की गई है. यह चार्जशीट बिजनौर पुलिस ने एक महिला का अपहरण करने के मामले में एक 22 साल के युवक के खिलाफ दायर की है. पुलिस ने इस युवक को पिछले महीने महिला का अपहरण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच अधिकारी के कुलदीप कुमार गुप्ता ने बताया है कि इस आरोपी का नाम अफजल है. इसके खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 के अलावा महिला के डीएम के सामने दिए गए बयान के आधार पर रेप की धारा भी लगाई गई है. महिला ने यह भी कहा कि आरोपी ने उनका धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की थी.
जांच अधिकारी के अनुसार, बलात्कार और धर्मांतरण विरोधी कानून के अलावा आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 366 (किडनैपिंग, किडनैपिंग या शादी के लिए महिला को मजबूर करना) और एससी-एसटी कानून के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है. उन्होंने कहा कि इस हफ्ते की शुरुआत में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया.
अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि कुछ साल पहले 21 साल की महिला अपने माता-पिता के साथ चंडीगढ़ शिफ्ट हो गई थी. उसके घर के पास रहने वाला आरोपी अफजल भी वहां शिफ्ट हो गया. पिछले महीने महिला और उसके माता-पिता एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए बिजनौर आए थे. लेकिन जब 6 दिसंबर को वह अपने घर के पास एक बाजार में गई थी, वहां से वह लापता हो गई.
दो दिन बाद महिला के पिता ने अफजल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई, यह पता लगने के बाद कि उसकी बेटी को आखिरी बार उसके साथ देखा गया था. जिसके बाद पुलिस ने अपहरण के आरोपों और नए धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया. छानबीन करते हुए 9 दिसंबर को पुलिस ने महिला को जिले में ढूंढ निकाला. महिला ने मजिस्ट्रेट को दिए अपने बयान में कहा कि अफजल ने अपनी असली पहचान छिपाकर अपना नाम सोनू बताया था.
महिला ने कहा कि वह उसके घर जाया करता था, और जल्द ही वे दोस्त बन गए. पुलिस के अनुसार, पीड़िता ने दावा किया कि आरोपी ने उसके साथ यौन उत्पीड़न किया और जब वह उसके साथ गई तो उसे उसकी असली पहचान के बारे में पता चला. उसने उसे अपना असली नाम बताया और कहा कि उसका विवाह धर्म परिवर्तन के बाद होगा. 10 दिसंबर को पुलिस ने अफजल को गिरफ्तार कर लिया और उसे स्थानीय अदालत में पेश किया, जिसने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया.