30 जनवरी को किसान नेताओं ने भूख हड़ताल की अपील, नेताओं ने कहा- आंदोलन से नहीं हटेंगे पीछे
एक किसान नेता ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है-भाजपा से तिरंगे के सम्मान को लेकर भाषण की आवश्यकता नहीं है, अधिकतर किसानों के बच्चे सीमाओं पर लड़ रहे हैं
नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने सभी देशवासियों से 30 जनवरी की प्रस्तावित भूख हड़ताल में हिस्सा लेने की अपील की है। एक किसान नेता ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है-भाजपा से तिरंगे के सम्मान को लेकर भाषण की आवश्यकता नहीं है, अधिकतर किसानों के बच्चे सीमाओं पर लड़ रहे हैं। वहीं योगेंद्र यादव ने कहा है, 'मोदी जी और योगी जी और अन्य सभी को ध्यान से सुनना चाहिए, किसान इस आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे।'
इस बीच हरियाणा सरकार ने कल शाम 5 बजे तक अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, रेवाड़ी और सिरसा में वॉयस कॉल को छोड़कर इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है। किसान नेताओं ने इसे लेकर प्रदर्शन की जगहों पर इंटरनेट व्यवस्था बहाल करने की मांग की है।
किसानों को तकरीबन सभी विपक्षी दलों का समर्थन हासिल हो रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है, 'सरकार को किसानों से बात करनी चाहिए और उनकी समस्या का समाधार करना चाहिए। कृषि कानूनों को रद्द करके ही इस समस्या का साधान किया जा सकता है।' इसके अलावा सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी फोन पर राकेश टिकैत से बात की है। अखिलेश यादव ने कहा है-भाजपा सरकार ने किसान नेताओं को जिस तरह से प्रताड़ित किया है, उसे पूरा देश देख रहा है महाराष्ट्र सरकार में मंत्री जयंत पाटिल ने भी किसानों का समर्थन किया है। पाटिल ने कहा-कोई भी 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को सही नहीं ठहरा रहा है लेकिन किसानों की मांगों को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।