भयानक हादसे के चलते शवों को पहचानने में हो रही दिक्कत, परिवार वालों के लिए जा रहे डीएनए सैंपल
सभी को आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है। वैज्ञानिक उपायों के अलावा सकारात्मक पहचान के लिए परिवार वालों के डीएनए सैंपल लिए जा रहे हैं
बुधवार को हुए हेलीकाप्टर दुर्घटना को लेकर भारतीय सेना ने नई जानकारी दी है। भारतीय सेना ने कहा कि हादसा इतना भयानक था कि अवशेषों की पहचान करने में कठिनाई हो रही है। प्रियजनों की संवेदनशीलता और भावनात्मक भलाई को ध्यान में रखते हुए सकारात्मक पहचान के लिए सभी संभव उपाय किए जा रहे हैं। सेना ने आगे कहा कि सभी मृतक जवानों के परिजन दिल्ली पहुंच रहे हैं। सभी को आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है। वैज्ञानिक उपायों के अलावा सकारात्मक पहचान के लिए परिवार वालों के डीएनए सैंपल लिए जा रहे हैं। सकारात्मक पहचान के बाद ही शवों को परिजनों को दिया जाएगा। सकारात्मक पहचान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद करीबी रिश्तेदारों के परामर्श से सभी कर्मियों का उचित सैन्य संस्कार सुनिश्चित किया जाएगा।
बता दें कि बुधवार को भारतीय वायुसेना के हेलीकाप्टर दुर्घटना में मारे गए लोगों के पार्थिव शरीर को वेलिंगटन के सैन्य अस्पताल से आज मद्रास रेजिमेंटल सेंटर लाया गया। इस हादसे ने 13 लोगों की जान ले ली। हालांकि, भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, जो दुर्घटना में जीवित बचे हैं, उन्हें वेलिंग्टन के सैन्य अस्पताल में लाइफ सपोर्ट पर रखा गया है।
गौरतलब है कि जनरल रावत सुलूर से वेलिंगटन जा रहे थे, तभी उनका हेलीकाप्टर कुन्नूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। भारत के पहले सीडीएस जनरल रावत स्टाफ कोर्स के संकाय और छात्र अधिकारियों को संबोधित करने के लिए वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कालेज के दौरे पर थे, जब उनका हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।