Dhanteras 2020 : इस दिन यमराज को करें दीपदान खत्म होता है अकाल मृत्यु का डर, ये चीजें भूलकर भी न खरीदें
खरीदी के अलावा इस पर्व पर यम-दीपदान जरूर करना चाहिए
धनतेरस का त्योहार इस बार 12 नवंबर को मनाया जा रहा है। माना जाता है कि इस दिन खरीदा गया सामान का क्षय नहीं होता। खरीदी के अलावा इस पर्व पर यम-दीपदान जरूर करना चाहिए। स्कंद पुराण के मुताबिक इस दिन ऐसा करने से अकाल मृत्यु का डर खत्म होता है। पूरे साल में धनतेरस और रूप चतुर्दशी को मृत्यु के देवता यमराज की पूजा दीपदान करके की जाती है। इस दिन शाम को यमराज के लिए घर की दक्षिण दिशा में दीपक लगाया जाता है। माना जाता है ऐसा करने से उस घर में रहने वालों पर यमराज प्रसन्न होते हैं और परिवार के लोगों में अकाल मृत्यु का डर नहीं रहता।
भूलकर भी न खरीदें ये चीजें
- धनतेरस के दिन बहुत से लोग स्टील के बर्तन घर ले आते हैं, जबकि ऐसा करने से बचना चाहिए. स्टील शुद्ध धातु नहीं है। इस पर राहु का प्रभाव भी ज्यादा होता है. आपको सिर्फ प्राकृतिक धातुओं की ही खरीदारी करनी चाहिए। मानव निर्मित धातु में से केवल पीतल खरीदा जा सकता है।
- धनतेरस पर कुछ लोग एल्यूमिनियम के बर्तन या सामान भी खरीद लेते हैं। इस धातु पर भी राहु का प्रभाव अधिक होता है। एल्यूमिनियम को दुर्भाग्य का सूचक माना गया है। त्योहार पर एल्यूमिनियम की कोई भी नई चीज घर में लाने से बचें।
- ज्योतिष के अनुसार, लोहे को शनिदेव का कारक माना जाता है। इसलिए लोहे से बनी चीजों को धनतेरस पर भूलकर भी खरीदने की गलती न करें. ऐसा करने से त्योहार पर धन कुबेर की कृपा नहीं होती है।
- धनतेरस के दिन धारदार वस्तुएं खरीदने से बचें। इस दिन चाकू, कैंची या कोई धारदार हथियार खरीदने से सख्त परहेज करना चाहिए। धनतेरस पर इन चीजों को खरीदना शुभ नहीं माना जाता है।
- धनतेरस पर कुछ लोग प्लास्टिक की बनी चीजें घर ले आते हैं। बता दें कि प्लास्टिक बरकत नहीं देता है। इसलिए धनतेरस पर प्लास्टिक से बना किसी भी तरह का सामान घर न लेकर आएं।
- धनतेरस पर सेरामिक (चीनी मिट्टी) से बने बर्तन या गुलदस्ता आदि खरीदना से बचना चाहिए। इन चीजों में स्थायित्व नहीं रहता है, जिससे घर में बरकत की कमी रहती है। इसलिए सेरामिक से बनी चीजें बिल्कुल न खरीदें।