दिल्ली पुलिस की दरियादिली, SHO राजेश कुमार गरीब बच्चों के लिए शुरू की लाइब्रेरी, अपनी पसंद की बच्चे पढ़ सकेंगे किताब
आरके पुरम के आसपास के गरीब इलाकों से बच्चे थाने आते हैं और अपनी पसंद के हिसाब से थाने की लाइब्रेरी में बैठकर किताबे पड़ते हैं
दिल्ली के आरके पुरम थाने में एसएचओ राजेश कुमार ने थाने में एक लाइब्रेरी की शुरुआत की थी, जहां गरीब बच्चे आकर पढ़ाई करते थे। ये मुहिम बेहद रंग लाने लगी। आरके पुरम के आसपास के गरीब इलाकों से बच्चे थाने आते हैं और अपनी पसंद के हिसाब से थाने की लाइब्रेरी में बैठकर किताबे पड़ते हैं। बच्चों को किताब पढ़ने या कुछ समझाने में पुलिस अफसर भी मदद करते हैं।
अब इस लाइब्रेरी को लेकर गोवा में एशिया पैसिफिक चैंबर ऑफ कॉमर्स की तरफ से इनोवेशन एजुकेशन की कैटेगरी में एप्रिसिएशन सर्टिफिकेट से नवाजा गया है और एसएचओ राजेश कुमार की इस मुहिम की सराहना की गई है। इस लाइब्रेरी से गरीब बच्चों की पढ़ाई में माफी मदद हो रही है।
लाइब्रेरी में पुलिस द्वारा पढ़ने के लिए अनुकूल वातावरण, करियर काउंसलिंग, एफआईआर और पुलिस प्रणाली आदि के बारे में सामान्य लोगों को बुनियादी प्रशिक्षण, रोजगार क्षमता को लेकर प्रशिक्षण, सूचना केन्द्र, महिला सुरक्षा कार्यक्रम, पुलिस और जनता के बीच बातचीत, पुलिस कर्मियों द्वारा लेक्चर (Lectures), खेल और युवा विकास कार्यक्रम आदि कराए जाते हैं।
इतना ही नहीं, लाइब्रेरी में पुलिस विभाग द्वारा कानूनी जागरूकता कार्यक्रम, सांस्कृतिक कार्यक्रम और UPSC, SSC, B. Tech, Diploma Engineering, BA, B.Ed., ETE, LLB, BBS, B.Com, BSW, MSW और यात्रा-पर्यटन में दाखिले और नोकरियों के लिए नि: शुल्क कोचिंग भी कराई जाती है। यह लाइब्रेरी एक मिसाल की तरह उभर रही है।