रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया भारत की पहली स्वदेशी ‘हाइपरसोनिक विंड टनल’ का उद्घाटन
अमेरिका और रूस के बाद भारत 'हाइपरसोनिक विंड टनल' (डब्लूएचटी) टेस्ट फैसिलिटी की शुरुआत करने वाला दुनिया का तीसरा देश बन गया है. रक्षा मंत्री ने इसका शुभारंभ किया।
भारत ने रक्षा क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है. अमेरिका और रूस के बाद भारत 'हाइपरसोनिक विंड टनल' (डब्लूएचटी) टेस्ट फैसिलिटी की शुरुआत करने वाला दुनिया का तीसरा देश बन गया है. रक्षा मंत्री ने इसका शुभारंभ किया। इसकी मदद से मिसाइल और लड़ाकू विमानों का परीक्षण किया जा सकेगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, एचडब्लूटी परीक्षण सुविधा को देश में ही विकसित किया गया है। अत्याधुनिक एचडब्लूटी टेस्ट सुविधा फ्री जेट फैसिलिटी है जो प्रेशर से चलती है। इस फैसिलिटी में 1 मीटर का नोजल एग्जिट व्यास है. यह मैश नंबर 5 से 12 का अनुकरण करेगा। मैश ध्वनि की रफ्तार के मल्टीप्लिकेशन फैक्टर को दिखाता है।
मिली जानकारी के अनुसार आकार और संचालन क्षमता के अनुसार भारत ऐसी सुविधा वाला तीसरा देश बन गया है. इसके मुताबिक, ''एचडब्ल्यूटी में व्यापक स्पेक्ट्रम पर हाइपरसोनिक प्रवाह को अनुकरण करने की क्षमता है. यह भविष्य में एयरोस्पेस और रक्षा प्रणाली के क्षेत्र में अहम भूमिका अदा करेगी.'' हैदरबाद में अपने दो दिवसीय दौरे पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के डॉ अब्दुल कलाम मिसाइल परिसर आए रक्षामंत्री ने डीआरडीओ के वैज्ञानिकों से भारत को सुपर सैन्य शक्ति बनाने का आह्वान भी किया. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी और डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी भी इस दौरान सिंह के साथ थे.
उन्होंने डीआरडीओ के यंग साइंटिस्ट लैब्स के योगदान की सराहना की और कहा कि डीआरडीओ को साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष और कृत्रिम बुद्धिमत्ता समेत अगली पीढ़ी की जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करने और रोडमैप विकसित करने की आवश्यकता है.