Coronavirus Third Wave : सरकार ने शुरू की तैयारी, जरूरी दवाओं का बन रहा बफर स्टॉक

बिजनेस स्टैंडर्ड ने एक सूत्र के हवाले से कहा, 'केंद्र तीसरी लहर से पहले रेमेडिसविर की 5 मिलियन शीशियों की खरीद करने की योजना बना रहा है।

Coronavirus Third Wave : सरकार ने शुरू की तैयारी, जरूरी दवाओं का बन रहा बफर स्टॉक

देश में कोविड-19 की आशंकित तीसरी लहर के बीच केंद्र ने कोरोना के इलाज के  लिए जरूरी दवाओं का 30 दिन के बफर स्टॉक की तैयारी शुरू कर दी है। जीवन रक्षक दवाओं के अलावा, सरकार आम दवाओं और सप्लिमेंट्स जैसे पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स और विटामिन का भी स्टॉक बना रही है। बिजनेस स्टैंडर्ड ने एक सूत्र के हवाले से कहा, 'केंद्र तीसरी लहर से पहले रेमेडिसविर की 5 मिलियन शीशियों की खरीद करने की योजना बना रहा है। बेहतर यह है कि इस बार सरकार हमें अग्रिम भुगतान कर रही है।' सरकार रेमेडिसविर, फैविपिरविर सरीखी दवाओं का स्टॉक बना रही है, ताकि दूसरी लहर जैसी हालत ना पैदा हो।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बीते दिनों कहा था कि दुनिया कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की ओर बहुत तेजी से बढ़ रही है। इस लहर की मुख्य वजह सार्स-कोव-2 का डेल्टा वेरिएंट है, जिसका पहला मामला भारत में मिला था. डब्ल्यूएचओ की चेतावनी भारत के लिए भी एक खतरे का संकेत है क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Mohfw) ने भी कहा था कि भारत में कोविड-19 मामलों में गिरावट की रफ्तार धीमी हो गई है। भारत में अब भी महाराष्ट्र, केरल और पूर्वोत्तर के कुछ जिलों सहित कुछ इलाकों में कोविड-19 की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

वहीं नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने इस सप्ताह कहा था कि भारत में कोरोना की वर्तमान स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन भारत टीकाकरण या प्राकृतिक संक्रमण के माध्यम से हर्ड इम्यूनिटी हासिल करने से फिलहाल बहुत दूर है। इसलिए खतरा बना हुआ है. सरकार ने कहा है कि अगले कुछ महीने बेहद अहम होंगे। उन्होंने कहा, ‘तीसरी लहर का सवाल बार-बार आता रहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारी आबादी अभी भी जोखिम में है। हम अभी भी ‘हर्ड इम्यूनिटी’ के स्तर तक नहीं पहुंचे हैं और न ही हम संक्रमण के चरण में पहुंचे हैं। हम संक्रमण के माध्यम से ‘हर्ड इम्यूनिटी’ हासिल नहीं करना चाहते हैं।'