कोरोना वायरस का खौफ, ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों को 31 दिसंबर तक किया सस्पेंड

70 फीसदी ज्यादा खतरनाक है नया रूप    

कोरोना वायरस का खौफ, ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों को 31 दिसंबर तक किया सस्पेंड

ब्रिटेन में कोरोना वायरस  के नये प्रकार (स्ट्रेन) से पूरे विश्व में दहशत का माहौल है. जिसके बाद यूके से पूरे विश्व का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है. यूरोपीय संघ के कई देशों ने ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है, अब भारत सरकार ने भी यूके से आने वाली सभी उड़ानों को 31 दिसंबर, रात 11:59 बजे तक अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है. ब्रिटेन से भारत आने वाली उड़ानों में सवार यात्रियों को विमान से उतरने के बाद एयरपोर्ट पर अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी। हालांकि इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार सतर्क है और घबराने की जरूरत नहीं है। हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार ने पिछले एक साल में हर वह काम किया है जो कोरोना वारयरस (Corona New strain) से निपटने के लिए महत्वपूर्ण था।


इससे पहले, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को केंद्र सरकार से वहां से आने वाली उड़ानों पर रोक लगाने की मांग की थी। केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस में नया बदलाव आया है जो सुपर-स्प्रेडर (तेजी से फैलता) है। मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों पर तत्काल रोक लगाई जाए।


आपको बता दें कि इंग्लैंड के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस के एक नए स्ट्रेन के तेजी से पांव पसारने के बीच. फ्रांस, जर्मनी नीदरलैंड, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया और इटली ने ब्रिटेन की यात्रा पर रोक लगाने संबंधी घोषणा कर दी है.


70 फीसदी ज्यादा खतरनाक है नया रूप      

  वायरस का यह नया स्वरूप 70 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है, यद्यपि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कोई साक्ष्य नहीं हैं कि यह ज्यादा जानलेवा है या टीके को लेकर यह अलग तरह की प्रतिक्रिया देगा। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक का कहना है कि स्थिति 'बेहद गंभीर' है और सरकार एक 'बेकाबू' वायरस के नए स्वरूप को रोकने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि यह एक जानलेवा बीमारी है, हमें इसे नियंत्रण में रखने की जरूरत है और इस नए स्वरूप ने इस काम को और मुश्किल बना दिया है। हालांकि, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जो साबित करे कि वायरस का नया प्रकार अधिक घातक है और इसपर टीका कम प्रभावी होगा.