Coronavirus के नए लक्षण ने वैज्ञानिकों की उड़ा दी नींद, गर्भवती महिला के गर्भनाल पर भी अटैक
विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना (Corona) का SARS-CoV-2 संक्रमण गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) के लिए किसी बड़े खतरे की तरह है। बता दें कि मुंबई (Mumbai) में एक ऐसा ही मामला सामने आया है
नई दिल्ली. पूरी दुनिया में कोरोना वायरस महामारी का कहर लगातार जारी है। पूरी दुनिया इस महामारी की चपेट में है। इस महामारी के फैलने के दो मुख्य कारण है पहला कारण इसे लेकर अभी तक कोई वैक्सीन सामने नहीं आई हैं। वहीं दूसरा बड़ा कारण यह है कि यह वायरस हर रोज अपना लक्षण बदल रहा है। इसी क्रम में इसके एक और बड़े लक्षण को लेकर विशेषज्ञों ने खुलासा किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना (Corona) का SARS-CoV-2 संक्रमण गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) के लिए किसी बड़े खतरे की तरह है। बता दें कि मुंबई (Mumbai) में एक ऐसा ही मामला सामने आया है।
जिसमें कोरोना संक्रमण के कारण एक महिला का पहले ही ट्राइमेस्टर में गर्भपात हो गया। जांच में पाया गया कि कोरोना वायरस का संक्रमण गर्भनाल और प्लेसेंटा से होते हुए भ्रूण तक पहुंच गया था।
कांदिवली में ESIS (कर्मचारी राज्य बीमा योजना) अस्पताल के सहयोग से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च इन रिप्रोडक्टिव हेल्थ (NIRRH) द्वारा पिछले सप्ताह जारी किए गए एक शोध में पाया गया है कि यह भारत का पहला केस है, जिसमें कोरोना का संक्रमण दो सप्ताह के बाद भी टिशू में जिंदा रहा, जबकि उसे गले से हटा दिया गया था। SARS-CoV-2 संक्रमण के खतरे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह शरीर में केवल जिंदा ही नहीं रहा, बल्कि इसने शरीर के अंदर और भी कोरोना वायरस की संख्या बढ़ा ली और बाद में उसने महिला के गर्भ को नुकसान पहुंचा दिया।
यह पेपर 22 अगस्त को MedRxiv पर पोस्ट किया गया है, जो चिकित्सा और वैज्ञानिक शोध को प्रकाशित करने वाली एक ऑनलाइन साइट है। बताया जा रहा हे कि महिला अस्पताल में सुरक्षा गार्ड है। महिला जब दो माह की गर्भवती थी तब उसने कोरोना का टेस्ट कराया था। जब वह कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। इसके बाद उसने पांच हफ्ते पहले जब वह 13 सप्ताह की गर्भवती थी तब उसने कोरोना टेस्ट कराया तो वह पूरी तरह से ठीक हो चुकी थी। 13 सप्ताह के बाद उसने नियमित रूप से होने वाला अल्ट्रासाउंट कराया तो उसमें भ्रूण मृत पाया गया।
ESIS अस्पताल ने इसे कोविड-19 से जुड़ा मामला मानते हुए संदेह के आधार पर NIRRH से संपर्क किया, जिसके बाद अस्पताल की समिति में महिला पर परीक्षण की मंजूरी दी। NIRRH से जुड़े दीपक मोदी ने बताया कि हमने कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए महिला के नाक के स्वाब का फिर से परीक्षण किया, लेकिन उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद महिला के प्लेसेंटा, एमनियोटिक फ्लूइड और भ्रूण झिल्ली का परीक्षण किया।