नड्डा के दौरे पर कांग्रेस का तंज: कहा- रायता समेटने आए थे लेकिन सफल नहीं हुए, पूनिया का पलटवार- भाजपा में नहीं कांग्रेस में है झगड़ा

पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि जेपी नड्डा बीजेपी का रायता समेटने आए थे लेकिन सफल नहीं हो सके,

नड्डा के दौरे पर कांग्रेस का तंज: कहा- रायता समेटने आए थे लेकिन सफल नहीं हुए, पूनिया का पलटवार- भाजपा में नहीं कांग्रेस में है झगड़ा

राजस्थान की सियासत में इन दिनों जबरदस्त वार-पलटवार का दौर जारी है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (NaddaVisit) के जयपुर दौरे के बाद अब कांग्रेस ने पलटवार किया है. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि जेपी नड्डा बीजेपी का रायता समेटने आए थे लेकिन सफल नहीं हो सके, रायता ज्यादा फैल गया है. नड्डा ने एकजुटता दिखाने की कोशिश की है, लेकिन इनके नेता आपस में ही झगड़ रहे हैं. भाजपा नेता एक-दूसरे को धक्का देकर आगे बढ़ने की कोशिश में हैं. भाजपा अब टुकड़ों में बंट गई है.

डोटासरा ने आगे कहा- न भाजपा नेता नड्डा को संतुष्ट कर सके। न नड्डा इन्हें कुछ दे सके। धक्का-मुक्की देकर एक-दूसरे को नजदीक लाने की कोशिश की गई। लेकिन नाकाम रहे। बीजेपी तो टुकड़ों में बंट गई है। राजेंद्र राठौड़ कितने फ्रस्ट्रेशन में हैं। गुलाबचंद कटारिया कितने सुस्त हैं। वसुंधरा राजे कितनी आक्रामक रही हैं। सतीश पूनिया डिफेंसिव मोड में आ गए हैं। फिर भी इनका रायता फैल ही रहा है समेट नहीं पा रहा है।
 
वहीं वासुदेव देवनानी के निलंबन पर भी सियासत गरमाई हुई है. इस पर डोटासरा ने तंज कसा. कहा कि एक कहावत है, ककड़ी चोर को मुक्के से मारा जाता है तलवार से सिर नहीं काटा जाता. देवनानी ने जितना गुनाह किया था उतनी सजा विधानसभा अध्यक्ष ने दे दी. एक दिन का निंलबन पर्याप्त था.

केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों पर भाजपा नेताओं की ओर से दिए गए बयानों को लेकर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा पर हमला बोला है। पीसीसी चीफ़ ने कहा कि किसानों के प्रति भाजपा की ओछी सोच और संकीर्ण मानसिकता है। भाजपा नेताओं की ओछी सोच और संकीर्ण मानसिकता उनके विजन को दर्शाती है। उनका एकमात्र मकसद केवल राज करना है। सरकार बनने के बाद किसी की नहीं सुनना है।

डोटासरा के बयान पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने पलटवार किया। उन्होंने कहा- भाजपा एकजुट है। कोई झगड़ा नहीं है। भाजपा में झगड़े की चर्चाएं प्रायोजित तरीके से चलवाई जा रही हैं। झगड़ा तो कांग्रेस में है, लेकिन कांग्रेस को लगता है कि दूसरों पर आरोप लगाकर वे खुद के झगड़ों से ध्यान हटा लेंगे। यह उनका भ्रम है। कांग्रेस जब से केंद्र में सत्ता से बाहर हुई तब से उनके नेताओं के पेट में दर्द हो रहा है। उनका पेट दर्द अब ठीक होने वाला नहीं है।