कांग्रेस का फीडबैक कार्यक्रम: अजय माकन आज अजमेर संभाग के दौरे पर, नेताओं का टटोलेंगे मन
अजमेर में पायलट का दबदबा रहा है। ऐसे में अजमेर के नेताओं का मन टटोलने के लिए माकन यहीं से फीडबैक शुरू कर रहे हैं। इस संभाग में टोंक जिला भी शामिल है।
राजस्थान कांग्रेस का अधूरा रहा फीडबैक कार्यक्रम फिर से शुरू हो गया है। दिल्ली से आए (Ajay Maken Feedback Program) कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन बुधवार को राजस्थान के अजमेर जिले का दौरा करने पहुंच गए हैं। आज वे फिर से फीडबैक संवाद शुरू कर रहे हैं। अजय माकन अजमेर के नेताओं का मन टटोलेंगे।
पहले दिन माकन का अजमेर में संवाद कार्यक्रम है। वे पार्टी नेताओं के साथ फीडबैक बैठक करेंगे। इस दौरान पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा उनके साथ मौजूद रहेंगे। इसके साथ जयपुर संभाग के हर जिले के नेताओं से बात करेंगे। माकन इन बैठकों के जरिए संगठन काे कैसे मजबूत बनाया जाए। गहलोत सरकार की योजनाओं को धरातल पर और मजबूती से कैसे ला जाएं। इन सब मुद्दों पर विचार करेंगे।
अजमेर में पायलट का दबदबा रहा है। ऐसे में अजमेर के नेताओं का मन टटोलने के लिए माकन यहीं से फीडबैक शुरू कर रहे हैं। इस संभाग में टोंक जिला भी शामिल है। टोंक से पायलट वर्तमान में विधायक हैं। माकन आज अजमेर और कल जयपुर संभाग के नेताओं से दिनभर संवाद करेंगे।
आज इस तरह चलेगा फीडबैक कार्यक्रम
आज अजमेर शहर से फीडबैक कार्यक्रम शुरू हो रहा है। अजमेर शहर का फीडबैक सुबह 11 बजे, अजमेर देहात का फीडबैक 12 बजे, भीलवाड़ा का फीडबैक 12. 45 बजे से, नागौर का फीडबैक 3 बजे से और टोंक जिले के नेताओं से फीडबैक 4 बजे से लिया जाएगा।
कल जयपुर संभाग के नेताओं से माकन लेंगे फीडबैक
अजय माकन गुरुवार को पीसीसी में जयपुर संभाग के नेताओं से जिलेवार संवाद करेंगे। वे कल सुबह 10.15 से जयपुर शहर, 11 बजे जयपुर देहात, 12 बजे अलवर, 12.45 बजे झुंझुनू, दोपहर 3 बजे सीकर और 4 बजे दौसा जिले के कांग्रेस नेताओं से संवाद करेंगे।
अजय माकन के फीडबैक कार्यक्रम का यह दूसरा फेज है. इससे पहले माकन ने 31 अगस्त को पीसीसी में 46 वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों से एक एक करके फीडबैक लिया था. पहले दौर के फीडबैक कार्यक्रम में कई नेताओं ने पार्टी में गुटबाजी दूर करने, सबको साथ लेकर चलने, ग्रासरूट स्तर पर सरकार की छवि सुधारने और सत्ता व संगठन में बेहतर तालमेल बनाये रखने के सुझाव दिए थे.
सियासी संग्राम के बाद सबको साथ लेकर चलने की चुनौती
दरअसल, राज्य में सियासी उठापटक के बाद अजय माकन के सामने सबको साथ लेकर चलने की बड़ी चुनौती है। राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि सचिन पायलट गुट से एक बार तो सुलह हो गई है, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम से पार्टी में गुटबाजी और तेज हो गई है। प्रदेश, जिला और ब्लॉक से लेकर ग्रास रुट स्तर तक पार्टी कार्यकर्ता सचिन पायलट खेमे और सत्ता खेमे में बंट चुका है। ग्रासरूट स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं में सभी खेमों को साथ लेकर चलने का साफ मैसेज देना नए प्रभारी माकन के लिए चुनौती है।