कांग्रेस ने गुपकार अलायंस में शामिल होने का लिया फैसला, जिला विकास परिषद चुनाव में करेगी शिरकत
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद यह पहला चुनाव है। इस बार कांग्रेस का भी पूरा प्रयास है कि वह जम्मू और कश्मीर दोनों ही जगहों पर अपना खोया हुआ जनाधार हासिल करें।
जम्मू-कश्मीर के करीब 6 क्षेत्रीय दलों ने एक संगठन गुपकार गठबंधन बनाया है जिसका मकसद अनुच्छेद 370 और 35ए की वापसी है। इस संगठन ने आगामी जिला विकास परिषद के चुनावों में शामिल होने का फैसला किया है।पहले इस अलायंस में कांग्रेस के शामिल होने को सस्पेंस था लेकिन अब खबर आ रही है कि कांग्रेस भी इस अलायंस का हिस्सा होकर चुनावी प्रक्रिया में शामिल होगी। इस संबंध में अलायंस के प्रेसिडेंट फारुक अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई थी कि कांग्रेस उनकी मुहिम में शामिल होगी।
वहीं भारतीय जनता पार्टी के लिए मुश्किल बढ़ गई है। राज्य में एक लंबे समय के बाद हो रहा जिला विकास परिषद का चुनाव अब बीजेपी बनाम गठबंधन हो गया है। चुनावी मैदान में बीजेपी अकेली है तो दूसरी तरफ गुप्कार के सभी नेता एक साथ चुनाव लड़ रहे है। हालांकि चुनाव की घोषणा के बाद बीजेपी अब अपनी दावेदारी की तैयारियों में जुटी हुई है। वही दूसरी और जम्मू-कश्मीर कांग्रेस ईकाई के रविंद्र शर्मा ने कहा कि समान विचारधारा वाले धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ चुनावी समायोजन के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी जिला-विकास परिषद के चुनावों में राष्ट्रीय सम्मेलन समेत अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेगी। मिली जानकारी के अनुसार कश्मीर में जितने दल गुपकार में शामिल है, उनके हर इलाके में अपने वोटबैंक है। ऐसे में सभी दलों के एक साथ होने से बीजेपी को थोड़ा मुश्किल में डाल सकता है। गुप्कार समझौते की ओर से डीडीसी चुनाव में उम्मीवारों के नाम की घोषणा फारूक अब्दुल्ला करेंगे।
Congress to go for electoral adjustments with like-minded secular parties, including National Conference in District Development Council (DDC) polls: Ravinder Sharma, J&K Pradesh Congress Committee
— ANI (@ANI) November 11, 2020
DDC polls to be conducted in 8 phases between Nov 28 & Dec 19, counting on Dec 22
जिला विकास परिषद के चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। वहीं कांग्रेस भी अपने उम्मीदवारों को लेकर मंथन कर रही है। कांग्रेस पहले इस दुविधा में फंसी हुई थी कि वह चुनाव अकेले लड़े या फिर अन्य राजनीतिक दलों के साथ मिलकर लड़ें। अब उसने साफ कर दिया है की कांग्रेस भी इस अलायंस का हिस्सा होकर चुनावी प्रक्रिया में शामिल होगी।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद यह पहला चुनाव है। इस बार कांग्रेस का भी पूरा प्रयास है कि वह जम्मू और कश्मीर दोनों ही जगहों पर अपना खोया हुआ जनाधार हासिल करें। इसीलिए कांग्रेस जिला विकास परिषद के चुनावों के माध्यम से अपने जमीनी स्तर के नेताओं को टिकट देकर चुनावों में उतारना चाहती है।