देश की गिरती इकोनॉमी पर कांग्रेस का हमला, वित्त मंत्री खुद दें इस्तीफा या फिर...
नोटबंदी जीएसटी और देश बंदी मास्टर स्ट्रोक नहीं डिजास्टर स्ट्रोक साबित हुए है।
देश में जीडीपी विकास दर में भारी गिरावट और बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने सरकार पर देश को आर्थिक संकट की ओर धकेलने का आरोप लगाया है और कहा कि इस आर्थिक तबाही के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को खुद इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्हें बर्खास्त करना चाहिए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि मौजूदा हालात में सरकार के भीतर ‘बड़ी राजनीतिक और वित्तीय सर्जरी’ की जरूरत है।
कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) के प्रकोप और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए ‘लॉकडाउन’ से देश की नरमी में फंसी अर्थव्यवस्था पर और बुरा असर पड़ा है. सरकार की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जून के दौरान अ्रर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की अब तक की सबसे बड़ी तिमाही गिरावट आयी है.
A ‘New Low’ in 73 years – ‘Economy Destroyed’, ‘Common Man’s Life Devastated’
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 3, 2020
Modi Govt is pushing India towards ‘Economic Collapse’ & ‘Financial Emergency’
Demonetisation–GST–Lockdown were not ‘Master strokes’ but were ‘Disaster strokes’
Our Statement -: pic.twitter.com/c5nsjhIc3J
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला केंद्र सरकार से पूछा कि देश में हर दिन 38 बेरोजगार और 116 किसान आत्महत्या कर रहे हों तो पीएम मोदी सो कैसे पाते हैं?’ कांग्रेस नेता ने कहा कि 73 वर्षों में पहली बार अर्थव्यवस्था और आदमी दोनों की कमर तोड़ दी गई है। आर्थिक तबाही और वित्तीय आपातकाल में देश को धकेला जा रहा है। धड़ाम गिरती जीडीपी इसका जीता जागता सबूत है।
कांग्रेस प्रवक्ता (Randeep Surjewala) ने सदन के कार्यवाही के दौरान प्रश्नकाल स्थगित करने के मामले पर भी मोदी सरकार हमला बोला। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार प्रजातंत्र और संसद दोनों का गला घोंटना चाह रही है। संसद को पंगु बना रही है। प्रश्नकाल को खारिज करने का निर्णय सरकार की तानाशाही का सबूत है। जब संसद बैठ सकती है तो फिर मंत्री खड़ा होकर जवाब क्यों नहीं दे सकते।
उन्होंने आगे कहा, ‘प्रधानमंत्री कोरोना, चीन, अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, किसान की आत्महत्या आदि पर जवाबदेही से बचना चाह रहे हैं। हम इसके खिलाफ संसद से भीतर और बाहर अपनी बात कहते रहेंगे।’