राजस्थान के इस गांव में शराब के ठेके लिए मची होड़, शराब के ठेके के लिए लगी 5 अरब 10 करोड़ की बोली

एक गांव में शराब का ठेके लेने के लिए लाखों या करोड़ों की नहीं बल्कि 5 अरब 10 करोड़ (5 billion 10 crore) की बोली लगाई गई है.

राजस्थान के इस गांव में शराब के ठेके लिए मची होड़, शराब के ठेके के लिए लगी 5 अरब 10 करोड़ की बोली

शराब के ठेकों (liquor contract) के लिए ठेकेदारों में होड़ लगना बेहद आम बात है. लेकिन, राजस्थान (Rajasthan News) के एक गांव में शराब के सरकारी ठेके के लिए रिकॉर्ड बोली लगी है. मामला हनुमानगढ़ (Hanumangarh liquor contract) जिले का है, जहां के एक गांव में शराब का ठेके लेने के लिए लाखों या करोड़ों की नहीं बल्कि 5 अरब 10 करोड़ (5 billion 10 crore) की बोली लगाई गई है. ये प्रदेश में अब तक लगी शराब के ठेके की सबसे महंगी बोली है. जिसके चलते इस नीलामी की पूरे प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश में भी चर्चा हो रही है. हर कोई इस बोली के बारे में सुनकर हैरान है. इसमें भी सबसे दिलचस्प बात यह है कि इतनी ऊंची बोली दो परिवारों की प्रतिद्वंद्विता के चलते लगी. इतनी ऊंची बोली देख कर सब हैरान है.

हनुमानगढ़ के नोहर तहसील के खुईयां गांव में एक शराब की दूकान (liquor Contract) के लिए 5 अरब 10 करोड़ 10 लाख 15 हजार 400 रुपये की बोली लगाई गई है. जबकि इस दूकान की रिज़र्व प्राइज 72 लाख रूपये थी. यह प्रदेश की अब तक की सबसे ऊंची बोली है. आबकारी अधिकारी चिमनलाल मीणा ने बताया कि बोली लगाने वाली किरण कंवर को डिमांड नोटिस भेज दिया गया है. उन्हें तीन दिन में रुपये जमा करवाने को लिखा गया है.

आबकारी अधिकारी के अनुसार,  प्रियंका कंवर ने भी बोली लगाई थी जो दूसरे स्थान पर रहीं. वहीं बताया जा रहा है कि दो परिवारों की प्रतिद्वंद्विता के चलते बोली इतनी ऊंची चली गयी. कहा यह भी जा रहा है कि दुकान की बोली ना हो सके इसलिए इतनी ऊंची बोली लगाई गई है, क्योंकि राशि जमा ना करवाने पर सिर्फ धरोहर राशि ही जब्त करने का प्रावधान है. इससे सरकार को पुनः ठेके की बोली लगवानी पड़ेगी. अब ठेकेदार इतनी बड़ी रकम अगर भरेगा तो यह प्रदेश की सबसे महंगी दुकान हो जाएगी. मगर फिलहाल यह मामला चर्चा में जरूर बना हुआ है.

लिहाजा अब आबकारी विभाग के अधिकारी इस बोली लगाने वाले को ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि, नियम-प्रक्रिया के तहत बोली ठीक लगी है, लेकिन ठेकेदार या दुकान संचालक के लिए इतनी बड़ी रकम देना मुमकिन नहीं है. आबकारी आयुक्त जोगाराम ने बताया कि नियमानुसार जितनी बोली लगती है. उसका 2% राशि 3 दिन के अंदर विभाग में जमा करवानी होती है. हम तीन दिन का इंतजार करेंगे, जिसके बाद बोली लगाने वाली फर्म या व्यक्ति को ब्लैक लिस्ट कर देंगे.