सुरक्षा बलों और स्थानीय छापामारों के बीच संघर्ष , जला दिया गांव, ढाई सौ घर हुए राख, दो की मौत

सैनिक शासन का विरोध कर रहे स्थानीय छापामारों के साथ टकराव के बाद यह घटना हुई

सुरक्षा बलों और स्थानीय छापामारों के बीच संघर्ष , जला दिया गांव, ढाई सौ घर हुए राख, दो की मौत

मध्य म्यांमार में सुरक्षा बलों और स्थानीय छापामारों के बीच संघर्ष के बाद एक गांव को जला दिया गया। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई। स्थानीय निवासियों ने बताया कि किन मा गांव के 200 से 240 घर सैनिकों ने मंगलवार को जला दिए। सैनिक शासन का विरोध कर रहे स्थानीय छापामारों के साथ टकराव के बाद यह घटना हुई। म्यांमार में ब्रिटिश राजदूत डांग चुग ने हमले की निंदा की है। उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'खबर है कि सैनिकों ने मागवाय में पूरा गांव जला दिया है। बुजुर्गो की जान गई है।

इससे एक बार फिर प्रदर्शित हुआ है कि सेना का खौफनाक अपराध जारी है और म्यांमार की जनता के प्रति उसके मन में कोई सम्मान नहीं है।' सरकारी टेलीविजन ने हालांकि उग्रवादियों पर गांव में आग लगाने का आरोप लगाया है। म्यांमार के पूर्वी हिस्से में सेना से संघर्ष करने वाले जातीय राजनीतिक समूह ने सैनिक शासन के हमलों की जांच कराने की मांग की है। समूह ने कहा कि पिछले महीने 47 लोगों के अपहरण के बाद सैनिकों ने 25 निर्माण श्रमिकों की हत्या कर दी थी।

गौरतलब है कि म्यांमार में 1 फरवरी 2021 की सुबह सेना ने वहां की आंग सांग सू की के नेतृत्‍व वाली लोकतांत्रिक सरकार का तख्‍तापलट कर सत्‍ता अपने हाथों में ले ली थी। इसके बाद से ही वहां पर सेना और लोगों के बीच जबरदस्‍त संघर्ष चल रहा है। संयुक्‍त राष्‍ट्र के कार्यकर्ताओं ने भी वहां के हालातों पर चिंता जताते हुए अंतरराष्‍ट्रीय पहल की अपील की है। यूएन कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि हालात पर काबू नहीं पाया गया तो फिर काफी मुश्किल होगी। सेना और लोगों के बीच चल रहे संघर्ष की वजह से हजारों की तादाद में लोगों ने अन्‍य देशों में शरण ली है। भारत में हजारों की संख्‍या में म्‍यांमार से भारतीय सीमा में दाखिल हुए हैं। म्‍यांमार के भारत से लगते राज्‍य चिन मुख्यमंत्री सलाई लियान लुई ने भी तख्तापलट के बाद बने गंभीर हालातों के मद्देनजर मिजोरम में शरण ली है। वो चिन के 2016 से मुख्‍यमंत्री हैं।