चीन को लेकर सबसे बड़ा खुलासा, गुपचुप तरीके से लोगों को दे रहा वैक्सीन, किसी को बताने पर कार्रवाई की चेतावनी
ई कंपनियों के स्टाफ को चेतावनी दी गई है कि अगर उन्होंने कंपनी के मैनेजमेंट के अलावा किसी को इसके बारे में बताया तो उन पर कार्रवाई की जाएगी
चीन से शुरू हुई महामारी कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया परेशान है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इसे लेकर वैक्सीन की खोज में लगे हैं, लेकिन इस बीच चीन में वैक्सीन की खुराक पाने वाले लोगों से वैक्सीनेशन की जानकारी सीक्रेट रखने को कहा जा रहा है। कई कंपनियों के स्टाफ को चेतावनी दी गई है कि अगर उन्होंने कंपनी के मैनेजमेंट के अलावा किसी को इसके बारे में बताया तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।
latimes.com की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ कंपनियों में काम करने वाले लोगों को ये जानकर हैरानी हुई थी कि वैक्सीन लगवाने की जानकारी सीक्रेट रखनी है। एक व्यक्ति ने इस बात का डर भी जताया कि अगर कुछ गलत हो गया तो फिर क्या होगा? व्यक्ति को डर था कि ऐसी स्थिति में कौन जिम्मेदारी लेगा?
हालांकि, चीन में वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को यह बताया गया था कि उन्हें चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप की वैक्सीन की खुराक दी जा रही है। बता दें कि यह ग्रुप चीन की सरकारी कंपनी सिनोफार्म का हिस्सा है। सिनोफार्म अपनी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल यूएई, पेरू, मोरक्को और कई अन्य देशों में कर रही है।अब तक इस कंपनी की वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल पूरे नहीं हुए हैं।
नाम नहीं बताने की शर्त पर एक चीनी शख्स ने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल में शामिल लोगों को मॉनिटर किया जा रहा है, लेकिन विभिन्न कंपनियों में काम करने वाले जिन लोगों को वैक्सीन लगाई गई है उनकी निगरानी नहीं की जा रही है।
सितंबर में चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप ने कहा था कि क्लिनिकल ट्रायल के बाहर करीब 3.5 लाख लोगों को वैक्सीन की खुराक दी गई है। चीन की मिलिट्री ने भी जून में कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू कर दिया था।