राहुल गांधी के कल के कार्यक्रम में हुआ बदलाव, पीलीबंगा किसान रैली में पायलट को नहीं मिला बोलने का मौका
राहुल गांधी ने इस बार न तो गहलोत और पायलट का हाथ पकड़कर एकजुटता दिखाई न ही सचिन पायलट को लेकर नजदीकी का कोई संदेश मंच से दिया।
किसान आंदोलन के बीच किसानों की आवाज को बुलंद करने राजस्थान के दौरे पर आये राहुल गांधी की किसान रैली में पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट को बोलने का मौका ही नहीं मिला। पायलट राहुल के साथ मंच पर बैठे जरूर, लेकिन उनका संबोधन नहीं हुआ। राहुल गांधी ने इस बार न तो गहलोत और पायलट का हाथ पकड़कर एकजुटता दिखाई न ही सचिन पायलट को लेकर नजदीकी का कोई संदेश मंच से दिया। मंच पर हुये इस घटनाक्रम से सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
राहुल गांधी से दूर बैठे पायलट
पीलीबंगा में किसान रैली में मंच पर राहुल गांधी के बगल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बैठे, लेकिन पायलट मंच पर राहुल गांधी से दूर बैठे. राहुल गांधी को मंच पर सीएम अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा समेत अन्य नेताओं ने किसानों की ओर से हल भेंट किया. इस दौरान भी पायलट शामिल नहीं थे. राहुल गांधी के मंच पर आने से पहले स्थानीय नेताओं ने किसानों को संबोधित किया.
राहुल गांधी के कल के कार्यक्रम
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के राजस्थान दौरे में शनिवार के कार्यक्रमों में बदलाव (Change) कर दिया गया है. राहुल गांधी की 13 फरवरी की अजमेर के सुरसुरा और नागौर के परबतसर में होने वाली किसान सभाओं को रद्द (Canceled) कर दिया गया है. अब सुरसरा में किसान सभा नहीं होगी. वहां राहुल अब केवल लोकदेवता तेजाजी महाराज के मंदिर में दर्शन ही करेंगे. उसके बाद वे रूपनगढ़ से सीधे मकराना पहुंचेंगे. वहां किसान सम्मेलन होगा. राहुल के संशोधित कार्यक्रम के अनुसार शनिवार को अब उनकी केवल एक ही सभा होगी. राहुल गांधी के कार्यक्रम में हुये बदलाव को सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट की खेमेबंदी से जोड़कर देखा जा रहा है.
राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार इस बदलाव के पीछे कई सियासी पेंच हैं. इसके पीछे बड़ा कारण गहलोत और पायलट की खेमाबंदी बताया जा रहा है. परबतसर में पायलट खेमे के रामनिवास गावड़िया विधायक हैं. परबतसर में सभा की सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी थी. लेकिन शनिवार देर रात आए राहुल के कार्यक्रम में वहां की सभा को निरस्त कर दिया गया. ऐसे में इसे गहलोत-पायलट की खेमबंदी से जोड़कर देखा जा रहा. हालांकि अभी तक कांग्रेस की ओर से इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है. राहुल गांधी के इस दौरे के दौरान लोगों की नजरें गहलोत और पायलट दोनों पर टिकी है.